जबलपुर। बहुचर्चित भोपाल गैंगरेप मामले में राज्य सरकार ने सोमवार को मध्यप्रदेश उच्च न्यायालय में स्टेटस रिपोर्ट पेश की है। मुख्य न्यायाधीश हेमंत गुप्ता और न्यायाधीश वी के शुक्ला की युगलपीठ को सरकार की तरफ से बताया गया कि प्रकरण में लापरवाही बरतने वाले नगर पुलिस अधीक्षक स्तर के अधिकारी को निंदा की सजा से दण्डित किया गया है। इसके अलावा अन्य लापरवाह पुलिस अधिकारियों के खिलाफ जांच जारी है। प्रकरण में 11 गवाह थे, जिनमें से आठ के बयान दर्ज हो गये हैं। शेष गवाहों के बयान दर्ज होकर जांच इसी माह पूर्ण हो जायेगी।
यह है मामला
भोपाल के हबीबगंज रेलवे स्टेशन के आउटर पर 31 अक्टूबर की शाम करीब साढ़े सात बजे कोंिचग से लौट रही 19 वर्षीय छात्रा से चार लोगों ने सामूहिक दुष्कर्म किया था। पीड़िता को प्राथमिकी लिखवाने के लिए दर-दर भटकना पड़ा था। रिपोर्ट लिखने में देरी और मेडिकल रिपोर्ट में सहमति से शारीरिक संबंध बनाए जाने का उल्लेख होने के संबंध में आई खबरों को संज्ञान में लेते हुए उच्च न्यायालय ने मामले की सुनवाई याचिका के रूप में करने के निर्देश दिये थे।
याचिका की सुनवाई करते हुए पूर्व में युगलपीठ ने मामले में बरती गयी लापरवाही को 'ट्रेजेडी आॅफ एरर्स' बताते हुए एक्शन टेकन रिपोर्ट पेश करने के लिए सरकार को आदेशित किया था। युगलपीठ ने याचिका पर अगली सुनवाई 27 अगस्त को निर्धारित की है।