जबलपुर। भोपाल पुलिस द्वारा पत्रकारिता की छात्रा की शिकायत पर दुष्कर्म और उसकी मॉ की शिकायत पर अपहरण का प्रकरण दर्ज किए जाने के खिलाफ कांग्रेस विधायक हेमंत कटारे की ओर से उच्च न्यायालय में दायर दो याचिकाओं पर सुनवाई के दौरान पूर्व में पारित आदेश के परिपालन में पुलिस की अपराध शाखा और महिला तथा बजरिया थाने में दर्ज आपराधिक प्रकरण के विवेचना अधिकारी केस डायरी के साथ यहां उच्च न्यायालय के न्यायाधीश जे के गुप्ता की एकलपीठ के समक्ष उपस्थित हुए।
एकलपीठ ने सुनवायी की अगली तिथि 21 मार्च निर्धारित करते हुए रजिस्ट्रार को निर्देश दिए कि वे इस प्रकरण को पूर्व में पारित आदेश को जारी करने वाली एकलपीठ के समक्ष सुनवायी के लिए प्रस्तुत करें। इसके साथ ही न्यायालय ने अगली सुनवायी तक विधायक कटारे की गिरफ्तारी पर रोक बरकरार रखी है। भिंड जिले के अटेर विधानसभा क्षेत्र से विधायक हेमंत कटारे की तरफ से दायर की गई अलग-अलग याचिकाओं में भोपाल के महिला थाना द्वारा पत्रकारिता की छात्रा की शिकायत पर दर्ज दुष्कर्म के अपराध तथा बजरिया थाने में उसकी मॉ की शिकायत पर दर्ज अपहरण के अपराध को चुनौती दी गई है।
याचिकाओं में कहा गया है कि दुष्कर्म पीडि़ता उसे ब्लैकमेल कर रही थी, जिसकी शिकायत उसने भोपाल पुलिस की अपराध शाखा में की थी। अपराध शाखा की टीम ने जबरन वसूली के तौर पर पांच लाख रुपए की रकम लेते हुए छात्रा को गिरफ्तार किया था। याचिकाओं में कहा गया है कि बाद में साजिश के तहत उसके खिलाफ असत्य प्रकरण दर्ज करवाया गया। याचिका में अदालत से अनुरोध किया गया है कि उसके खिलाफ दर्ज प्राथमिकी रद्द करने के आदेश दिए जाएं और उनकी गिरफ्तारी पर भी रोक लगाई जाए। याचिका की सुनवाई के दौरान याचिकाकर्ता की तरफ से वरिष्ठ अधिवक्ता अनिल खरे तथा अधिवक्ता अजय गुप्ता ने तथा सरकार की तरफ अतिरिक्त महाधिवक्ता संजय द्विवेदी ने पैरवी की।