अमरकंटक। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी सोमवार को मध्यप्रदेश के अमरकंटक में नर्मदा सेवा यात्रा के समापन कार्यक्रम में शामिल हुए। उन्होंने यहां नर्मदा मंदिर में विशेष पूजा-अर्चना की. मोदी ने डेढ़ सौ दिनों की नर्मदा यात्रा को असंभव और असामान्य बताया है।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने यात्रा के समापन कार्यक्रम को संबोधित करते हुए कहा, 'मैं गुजरात से हूं, नर्मदा के एक-एक बूंद की कीमत जानता हूं।'
नर्मदा सेवा यात्रा के दौरान अनके अभियान शुरू हो गए। करीब 2 लाख से ज्यादा लोगों ने नशा छोड़ने का संकल्प लिया। इसी के साथ नर्मदा तट के करीब शराब बंदी का अभियान। बेटी बचाओं अभियान भी आगे बढ़ा। इसी में आगे बढ़ते हुए 2 जुलाई को नर्मदा नदी के कैचमेंट एरिया में 6 करोड़ पौधे लगाए जाएंगे. इन वृक्षों की सुरक्षा के लिए वृक्ष सेवक बनाए जाएंगे।
सबसे स्वच्छ 100 शहरों में दो शहर
पीएम ने कहा कि इन दिनों देश में स्वच्छता अभियान की एक ढांचागत व्यवस्था शुरू की गई है। लगातार तीसरी पार्टी इस पर नजर रख रही है। मध्य प्रदेश के दो शहर भोपाल और इंदौर सबसे स्वच्छ शहरों में शामिल हुए। लेकिन जनसमर्थन के बिना कभी भी कोई चीज सफल नहीं होती है और इसका सबसे बेहतर उदाहरण स्वच्छ भारत अभियान है। पिछली बार स्वच्छता अभियान में मध्य प्रदेश पिछड़ गया था, लेकिन इस बार सबसे स्वच्छ 100 शहरों में राज्य के 22 शहर शामिल हैं।
वृक्षारोपण के जरिए नर्मदा को जीवनदान
पीएम मोदी ने कहा, 'हिंदुस्तान में कई नदियां हैं, लेकिन अगर हम अपने दायित्व नहीं निभाएंगे तो मानव अस्तित्व की रक्षा नहीं हो सकती है। मध्य प्रदेश सरकार ने मां नर्मदा के उज्ज्वल भविष्य के लिए पेड़ लगाने का निर्णय लिया है। इससे आने वाली पीढ़ियों को लाभ होगा। वृक्षारोपण के जरिए नर्मदा को जीवनदान देने की योजना बनाई गई है।
बधाई की पात्र है मध्य प्रदेश की जनता
पीएम ने कहा कि हमारे देश का दुर्भाग्य है कि जहां कहीं सरकार या राजनेता जुड़ जाए, उसकी महत्ता कम हो जाती है। नदी की रक्षा के लिए 150 दिनों तक यात्रा की गई, जिसके लिए सीएम शिवराज और मध्य प्रदेश की जनता बधाई की पात्र है।
मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने कहा, ‘‘प्रधानमंत्री अमरकंटक में मध्यप्रदेश की जीवन रेखा नर्मदा नदी के संरक्षण के लिये रूपरेखा जारी करेंगे।’’ उन्होंने कहा, ‘‘पर्यावरणविदों, नदी संरक्षण विशेषज्ञों और नर्मदा से सीधे जुड़े लोगों समेत विभिन्न पक्षकारों के साथ व्यापक चर्चा के बाद यह रूपरेखा तैयार की गयी है।’’