जबलपुर। जेएमसी को 31 मार्च 2017 तक खजाने में 151 करोड़ जमा करना है। टारगेट बड़ा है पर 5 सौ और हजार के नोट बंद होने के बाद उदास बैठा जेएमसी का खजाना एक बार फिर मुस्कुराने लगा है। नोट बंदी के पहले अप्रैल से नवंबर तक जो खजाना करीब 64 करोड़ के पास था महज 13 दिनों में वहां 13 करोड़ से ज्यादा रकम जमा हुई। सीधे शब्दों में कहें तो हर दिन करीब 1 करोड़। नोट बंदी से जहां आम जन परेशान है वहीं जेएमसी के सभी जोनों में हर दिन पैसा जमा करने वालों की भीड़ देखी जा रही है।
आज आखिरी दिन... फिर नहीं मिलेगा मौका
केन्द्र सरकार के द्वारा बैंकों में नोट बदलने के साथ टैक्स के रूप में पैसा जेएमसी के खाते में जमा करने का आज आखिरी दिन है। इसके बाद लोगों को ये सुविधा नहीं मिलेगी। जानकारों की मानें तो इसकी तिथी बढ़ेगी या नहीं इसका फैसला अभी तक नहीं हो पाया है। ऐसे में शहर के सभी जोन कार्यालयों में आज भीड़ दिख सकती है। निगमायुक्त ने भी सभी जोन प्रभारियों को निर्देश दिए हैं कि कांउटरों में पैसा करने आने वालों को परेशानी न हो ताकि खजाने में ज्यादा से ज्यादा पैसा जमा हो सके। विभागीय सूत्रों की मानें तो जेएमसी 15 करोड़ का टारगेट लेकर चल रही है।
78 करोड़ का आंकड़ा पार
जेएमसी ने अपने इस वित्तीय वर्ष में 150 करोड़ का पीछा करते हुए 23 नवंबर तक 78 करोड़ 15 लाख से अधिक की राशि जमा कर ली है। इर राशि के बढ़ने से विकास कार्यों में तेजी तो आएगी ही साथ ही अपने आंकड़े को छूने का संकल्प भी अधिकारी आसानी से पूरा कर लेंगे।
2 दिन में 9 करोड़ जमा
नोट बंदी से जेएमसी के खाते में 11 नवंबर से 23 नवंबर तक 13 दिनों में 11 और नवंबर को ही सबसे अधिक पैसा जमा हुआ है। इन दो दिनों में ही 9 करोड़ के अधिक की राशि खजाने में जमा हुए हैं। ये वही दो दिन हैं जब लोगों को जेएमसी ने ये सुविधा देना शुरु की थी। बरहाल इसके बाद 15 नवंबर से 22 नवंबर तक कभी भी आंकड़ा 50 लाख को नहीं छू पाया।