उप्पल (हैदराबाद)। मुंबई इंडियंस ने रविवार रात यहां राजीव गांधी स्टेडियम में एक ऐसा मुकाबला जीता, जो आखिरी गेंद तक राइजिंग पुणे सुपरजॉयंट्स के कब्जे में था। अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट से रिटायरमेंट ले चुके आॅस्ट्रेलिया के बाएं हाथ के तेज गेंदबाज मिचेल जॉनसन ने दिखाया कि उनमें अभी भी दम बाकी है। आखिरी ओवर में पुणे को जीतने के लिए 11 रन चाहिए थे, लेकिन मुंबई के जॉनसन ने 9 रन देकर दो विकेट एक रन आउट के द्वारा टीम को एक ऐसी जीत दिलाई, जिसे क्रिकेटप्रेमी बरसों तक याद रखेंगे।
मुंबई ने पहले खेलते हुए 20 ओवर में 8 विकेट पर 129 रन बनाए थे, जिसमें क्रूनल पंड्या ने सबसे ज्यादा 47 रन बनाए। उनकी मेहनत को जॉनसन ने ही साकार किया। जवाब में पुणे की टीम अपने कोटे के ओवरों में 6 विकेट पर 128 रन बना सकी। कप्तान स्टीव स्मिथ ने सबसे ज्यादा 51 रन बनाए। यदि वे आखिरी ओवर में आउट नहीं होते, तो मैच की कहानी कुछ और होती। क्रूनल को प्लेयर आॅफ द मैच चुना गया।
कप्तान उपकप्तान की भूमिका
पुणे सुपरजॉयंट्स के लिए उपकप्तान अजिंक्य रहाणे और कप्तान स्टीव स्मिथ ने 129 के स्कोर के हिसाब से अच्छी पारियां खेलीं, लेकिन एमएस धोनी को टू डाउन उतारना गलत साबित हुआ, क्योंकि वे फिनिशर हैं और पुणे के पास फिनिशर के नाम पर क्रिश्टियन और वॉशिंगटन सुंदर बचे थे। रहाणे ने 115.78 के स्ट्राइक रेट से 44 और स्मिथ ने 107.00 के स्ट्राइक रेट से 51 रन बनाए। अंतिम समय पर जसप्रीत बुमराह और लसिथ मलिंगा ने भी रन रोकते हुए गेंदबाजी कर जॉनसन का बखूबी साथ दिया। यह भी जीत की एक वजह रही।
6.45 रन प्रति ओवर का रेट
इससे पहले मुंबई ने टॉस जीतकर पहले बल्लेबाजी चुनी, लेकिन पुणे के गेंदबाजों ने उसे पूरे 7 के औसत से भी रन नहीं बनाने दिए। टीम ने 6.45 रन प्रति ओवर के हिसाब से अपने कोटे के 20 ओवर में 8 विकेट पर 129 रन बनाए। मुंबई कितना बंधकर खेले, इसका अंदाजा इसी बात से लगाया जा सकता है कि मेंडेटरी पॉवर प्ले के पहले 6 ओवर में उसने 2 विकेट पर 32 रन बनाए। 50 रन 54 गेंद और 100 रन 106 गेंद पर बने। एकमात्र अर्धशतकीय और बड़ी साझेदारी 34 गेंद पर हुई, पूरे 50 रन की, जिसमें क्रूनल ने 32 और जॉनसन ने 13 रन का योगदान दिया।
नामी गिरामी नहीं चल सके
मुंबई के नामी गिरामी बल्लेबाज लैंडल सिमंस (3), पार्थिव पटेल (4), अंबाती रायडू (12), कप्तान रोहित शर्मा (24), किरॉन पोलॉर्ड (7), हार्दिक पंड्या (10) रन ही बना सके। रोहित ने 109.09 का स्ट्राइक रेट निकाला। एक समय मुंबई ने अपने 65 रन पर 5 बल्लेबाजों के विकेट गंवा दिए थे। 7 विकेट 79 रन पर गिर गए थे।
क्रूनल ने फिर दिखाया दम
बाएं हाथ के बल्लेबाज क्रूनल पंड्या ने फिर दम दिखाते हुए 123.68 के स्ट्राइक रेट से 47 रन बनाए। उन्होंने क्वालिफायर 2 में रॉयल चैलेंजर्स बेंगलुरु के खिलाफ मैच विजयी पारी खेली थी।
3.25 का इकॉनॉमी रेट
मुंबई के खिलाफ पिछले मैच में 3 विकेट लेने वाले राइट आर्म आॅफ स्पिनर वॉशिंगटन सुंदर ने इस मैच में विकेट नहीं लिया, लेकिन बहुत कंजूसी भरी गेंदबाजी करते हुए 3.25 का इकॉनॉमी रेट निकाला। उन्होंने 4 ओवर किए। जयदेव उनादकट ने भी इतने ही ओवर किए और 2 विकेट लेते हुए 4.75 का इकॉनॉमी रेट निकाला।
जानना जरूरी है...
अद्भूत। पहला हॉफ हमारे लिए ठीक नहीं था, किंतु हमने सही सोचा और कर दिखाया। अच्छी गेंदबाजी और उम्दा क्षेत्ररक्षण के सहारे तनावभरा मैच जीता।
सचिन तेंदुलकर, मुंबई इंडियंस टीम के मेंटर
मैं आखिरी ओवर मिलने पर ज्यादा नहीं सोच रहा था। मैं लेग साइड में गेंद नहीं डाल रहा था। संयोग से इसी वजह से स्मिथ का विकेट मिला।
मिचेल जॉनसन, मुंबई इंडियंस
मैं शांत हूं। यह क्रिकेट का बहुत ही रोमांचक मैच था। दर्शकों ने इसका आनंद लिया होगा। इतना छोटे स्कोर पर मैच बचाना वाकई प्रशंसनीय है। मैंने गेंदबाजों के अनुरूप ही क्षेत्ररक्षण सजाया था।
रोहित शर्मा, कप्तान मुंबई इंडियंस
जब विकेट गिर रहे थे, तो मैंने 20 ओवर तक रूकने की योजना बनाई। मैं जानता था कि मैं ऐसा कर सकता हूं। यह सपने के सच होने जैसा है, क्योंकि मुझे फाइनल में प्लेयर आॅफ द मैच चुना गया है।
क्रूनल पंड्या, मुंबई इंडियंस
ये रही पुणे की हार की 3 वजह...
टॉस हारना पुणे के लिए महंगा पड़ा
फाइनल जैसे दबाव भरे मैच में हर टीम यही कोशिश रहती है कि टॉस जीतकर पहले बल्लेबाजी की जाए। कल के मैच में मुंबई इंडियंस के कप्तान रोहित शर्मा ने टॉस जीता और पहले बल्लेबाजी करने का निर्णय लिया। पुणे के कप्तान स्टीव स्मिथ ने भी बताया था कि अगर वह भी टॉस जीते होते तो वह भी बल्लेबाजी का निर्णय लेते। इस बार राजीव गांधी इंटरनेशनल क्रिकेट स्टेडियम पर फाइनल मैच से पहले सात बार मैच खेला गया था और पांच बार वे टीम जीती थीं, जिन्होंने पहले बल्लेबाजी की थी।
फाइनल मैच से पहले इस मैदान पर खेले गए सात मैचों में छह मैचों में सनराइज़र्स हैदराबाद ने जीत हासिल की थी, जिस में चार बार पहली बल्लेबाजी करते हुए और दो बार लक्ष्य का पीछा करते हुए जीत हासिल की थी। इस मैदान पर पहला मैच रॉयल चैलेंजर बैंगलोर और सनराइज़र्स हैदराबाद के बीच खेला गया था और हैदराबाद ने पहले बल्लेबाजी करते हुए बैंगलोर को 35 रन से हराया था।
हैदराबाद ने दिल्ली को इस मैदान पर 15 रन से, पंजाब को 5 रन से, कोलकाता नाइट राइडर्स 48 रन से हराया था और लक्ष्य का पीछा करते हुए गुजरात लायंस ने 9 विकेट से और मुंबई इंडियंस को 7 विकेट से हराया था। फाइनल से पहले राइजिंग पुणे ने भी इस मैदान पर पहले बल्लेबाजी करते हुए हैदराबाद को 12 रन से हराया था। ऐसे में फाइनल मैच में टॉस हारना पुणे के लिए महंगा पड़ा।
धीमी बल्लेबाजी भी हार का कारण
मुंबई की टीम पहले बल्लेबाजी करते हुए 20 ओवरों में सिर्फ 129 रन बना पाई थी। पुणे के युवा गेंदबाजों ने मुंबई के सभी बड़े बल्लेबाज़ों को बड़ी पारी खेलने का मौक़ा नहीं दिया। सिर्फ क्रुणाल पांड्या और रोहित शर्मा को छोड़कर मुंबई के कोई भी बल्लेबाज 20 से ज्यादा रन नहीं बना पाए थे। क्रुणाल पांड्या ने सबसे ज्यादा 47 रन बनाए थे जबकि रोहित शर्मा ने सिर्फ 24 रन।
पुणे के सामने कोई बड़ा लक्ष्य नहीं था। पुणे ने संभलकर खेलने की कोशिश की और सफल भी हुए। आखिरी चार ओवर में पुणे को जीतने के लिए सिर्फ 33 रन की जरूरत थी और हाथ में आठ विकेट थे। मैदान पर खुद कप्तान स्मिथ और धोनी मौजूद थे, लेकिन धोनी और स्मिथ जैसे अनुभवी बल्लेबाज मुंबई के गेंदबाज़ों के सामने घुटने टेकते हुए नज़र आए। आखिरी चार ओवर में पुणे के बल्लेबाजों ने 31 रन बनाए और पुणे एक रन से मैच हार गया। पुणे के लिए जो हार का कारण बनी वह थी धीमी बल्लेबाजी।
राहुल त्रिपाठी ने आठ गेंदों का सामना करते हुए तीन रन बनाए। महेंद्र सिंह धोनी ने 13 गेंदों का सामना करते हुए सिर्फ 10 रन बनाए। कप्तान स्मिथ ने अच्छी पारी तो खेली, लेकिन स्ट्राइक रेट के मामले में पीछे रह गए। स्मिथ ने 50 गेंदों का सामना करते हुए 51 रन बनाए जो टी-20 में धीमी पारी मानी जाती है।
मुंबई के अनुभवी गेंदबाज पुणे के बल्लेबाजों पर भारी पड़े
पुणे के सामने बहुत बड़ा लक्ष्य नहीं था, लेकिन फिर भी पुणे हार गया और इसके पीछे सबसे बड़ी वजह रही मुंबई के अनुभवी गेंदबाजों की शानदार गेंदबाजी। मुंबई की तरफ से मिचेल जॉनसन, लसिथ मलिंगा, जसप्रीत बुमराह और कर्ण शर्मा ने शानदार गेंदबाज़ी की। जॉनसन ने चार ओवर गेंदबाजी करते हुए 26 रन पर तीन विकेट लिए। आखिरी ओवर में जॉनसन का अनुभव मुंबई के काम आया। पुणे को आखिरी ओवर में जीतने के लिए 11 रन की जरूरत थी।
मनोज तिवारी ने पहली गेंद पर एक चौका लगाते हुए पुणे के कैंप में ख़ुशी की लहर फैला दी थी, लेकिन जॉनसन ने अपने अनुभव का इस्तेमाल करते हुए अगली दो गेंद पर मनोज तिवारी और कप्तान स्टीवन स्मिथ को पवेलियन लौटा दिया। आखिरी तीन गेंदों में जॉनसन ने सिर्फ पांच रन दिए। इस तरह मुंबई ने इस मैच को एक रन से जीत लिया। डेथ ओवरों में मुंबई के सभी गेंदबाजों ने शानदार गेंदबाजी की। लसिथ मलिंगा ने चार ओवर में सिर्फ 21 रन दिए। जसप्रीत बुमराह ने चार ओवरों में 26 रन देकर दो विकेट लिए जिसमें महेंद्र सिंह धोनी का विकेट भी शामिल था।
अब तक के विजेता
2008 : राजस्थान रॉयल्स विवि चेन्नई सुपर किंग्स
2009 : डेक्कन चॉर्जर्स विवि रॉयल चैलेंजर्स बेंगलुरु
2010 : चेन्नई सुपर किंग्स विवि मुंबई इंडियंस
2011 : चेन्नई सुपर किंग्स विवि रॉयल चैलेंजर्स बेंगलुरु
2012 : कोलकाता नाइट राइडर्स विवि चेन्नई सुपर किंग्स
2013 : मुंबई इंडियंस विवि चेन्नई सुपर किंग्स
2014 : कोलकाता नाइट राइडर्स विवि किंग्स इलेवन पंजाब
2015 : मुंबई इंडियंस विवि चेन्नई सुपर किंग्स
2016 : सनराइजर्स हैदराबाद विवि रॉयल चैलेंजर्स बेंगलुरु
2017: मुंबई इंडियंस विवि पुणे सुपरजाइंट
विजेता को मिले 15 करोड़
- 10 करोड़ रुपए उपविजेता को मिले
- 6.4 करोड़ कोलकाता नाइट राइडर्स को मिले
- 6.4 करोड़ रुपए सनराइजर्स हैदराबाद को
प्लेयर आॅफ द मैच को 5 लाख मिले
10 लाख आॅरेंज कैप डेविड वॉर्नर को मिले
10 लाख रुपए पर्पल ब्ल्यू कैप भुवनेश्वर कुमार को मिले
मोस्ट वेल्यूएबल प्लेयर : बेन स्टोक्स (राइजिंग पुणे सुपरजायंट)
बेस्ट कैच ऑफ द टूर्नामेंट : सुरेश रैना (गुजरात लॉयंस)
बेस्ट इमर्जिंग प्लेयर : बेसिल थम्पी (गुजरात लॉयंस)
मोस्ट सिक्सेस अवॉर्ड : ग्लेन मैक्सवेल (किंग्स इलेवन पंजाब)
मोस्ट स्टाइलिश प्लेयर : गौतम गंभीर (कोलकाता नाइटराइडर्स)
ब्यूटीफल शॉट ऑफ द टूर्नामेंट : युवराज सिंह (सनराइजर्स हैदराबाद)
फास्टेस्ट फिफ्टी अवॉर्ड : सुनील नरेन (कोलकाता नाइटराइडर्स)
कुछ ऐसा था आखिरी ओवर का रोमांच
पहली गेंद - मनोज तिवारी ने चौका लगाया
दूसरी गेंद - जॉनसन की दूसरी गेंद पर तिवारी ने लॉन्ग ऑन की ओर ऊंचा शॉट खेला, गेंद पोलार्ड के हाथों में पहुंची। तिवारी पवेलियन लौटे
तीसरी गेंद - क्रीज पर स्मिथ, स्वीपर कवर की ओर हवा में शॉट खेला, लपके गए, आउट।
चौथी गेंद - क्रीज पर वॉशिंगटन सुंदर, गेंद विकेटकीपर के पास गई। बल्लेबाज छोर बदलने में कामयाब रहे, बाई में एक रन मिला।
पांचवीं गेंद - क्रीज पर डेल क्रिश्चियन, 2 रन, लेकिन कैच हार्दिक पंड्या से छूटा।
अब पुणे को 1 गेंद पर जीतने के लिए चार रन चाहिए थे....
ओवर की अंतिम गेंद- आखिरी गेंद पर क्रिश्चियन ने शॉट खेला, गेंद सीमा रेखा की ओर, दौड़कर 2 रन लिए... तीसरे के फेर में रन आउट...
1 रन से मुकाबला जीतकर मुंबई आईपीएल-10 की चैंपियन बनी।