इंदौर। राज्य साइबर पुलिस भोपाल ने एक युवक को पकड़ा है, जो पंजाब की गैंग से जुड़ा है। यह गिरोह पश्चिम बंगाल से केरल तक फैला हुआ है। यह लोगों के खाते से बिना ओटीपी और पासवर्ड जाने रुपए गायब कर देता था और उससे लाखों के बिजली बिल और मोबाइल बिल भर देता था। मामले में इंदौर की एक शिक्षिका की शिकायत पर साइबर पुलिस ने जांच की तो गिरोह का पर्दाफाश हुआ। फिलहाल युवक के अन्य साथियों की तलाश की जा रही है। एसपी जितेन्द्र सिंह के मुताबिक राज्य साइबर सेल भोपाल की टीम ने नरेश पिता तरमेंस चंद निवासी ग्राम खोखर मानसा पंजाब को पकड़ा है। आरोपी साइबर गिरोह के माध्यम से कंपनी और मिलों के लाखों के बिजली के बिल भर रहा था।
एक मिल का दो लाख 14 हजार का बिल भरने के लिए आरोपी ने अपने साथियों की मदद से मिल के मालिक को दो प्रतिशत का लालच देकर उनसे चेक ले लिया और फिर करीब 14 एटीएम का पासवर्ड और ओटीपी जाने बिना उनके खातों से अलग-अलग रुपए निकाल कर पंजाब स्टेट पॉवर कॉपोरेशन लिमिटेड (पीएसपीसीएल) के खाते में ट्रांसफर कर दिए। इससे मिल का बिजली बिल भरा गया था।
इस तरह निकाली जानकारी
इस मामले में बस से इंदौर से भोपाल जा रही ज्योति सेंगर के खाते से भी 16 हजार रुपए गायब हुए थे। मामले में ज्योति ने भोपाल साइबर सेल को शिकायत की थी। जब बैंक से इस मामले में पूछताछ की गई तो वह रुपए कटने को लेकर स्पष्ट जबाव नहीं दे पाए। इधर गेटवे कंपनी से संपर्क किया। इसमें एक कंपनी ने उन्हें आहरण के संबध में जानकारी प्रदान की। खाते से पंजाब स्टेट पॉवर कॉपोरेशन
लिमिटेड(पीएसपीसीएल) का बिल पे करना बताया गया। जब इस बिल के क्रंमाक से मालिक का नाम पूछा गया तो उन्होनें बालाजी राईस मिल सादुलगढ़ जिला मनसा पंजाब को पता होना बताया। जब सायबर की टीम ने इस मिल के मालिक से पूछताछ की तो उनहोनें नरेश के बारे में जानकारी दी।
पश्चिम बंगाल से केरल तक फैले हैं ठगोरे
नरेश ने पूछताछ में बताया कि वह साइबर गिरोह के लिए काम करता है। उन्हें वह ग्राहकों के मोबाईल और बिजली बिल वाट्सएप पर मैसेज कर देता था। फिर संबधित ग्राहक से संपर्क कर बिल के उनके द्वारा भरने पर एक से दो प्रतिशत की छूट की बात करता था। जब बिल पेड हो जाते थे तो नरेश अपने खाते में ग्राहक से संबधित राशि भुगतान करवा लेता था। नरेश ने बताया कि उसके पास के रुपए अन्य खातों में डालने के लिए उसे गिरोह ने 21 खाते प्रदान किए थे। इन खातों को जानकारी लगने पर साइबर पुलिस ने फ्रीज करा दिया। एसपी के मुताबिक जिस आईपी एडेंस का उपयोग ट्रांजेक्शन के लिए किया जाता था। वह राजस्थान के जोधपुर का है। आरोपी के मुताबिक उनका गिरोह सोशल इंजीनियरिंग में काफी माहिर है।