इंदौर। इंदौर से कुछ बच्चों को मुंबई ले जाकर धर्म-परिवर्तन कराने के आरोप में हिंदू संगठनों और जीआरपी पुलिस ने बच्चों को रेलवे स्टेशन से मुक्त कराया। आरोप था कि बच्चों को तीन दिन के लिए मुंबई ले जाया जा रहा था। माता-पिता को प्रलोभन देकर पांच व्यक्तिबच्चों को ले जा रहे थे। यहीं नहीं इंदौर समेत जबलपुर व भोपाल से भी बच्चों को पहले मुंबई और फिर केरल ले जाने वाले थे। जीआरपी ने फरियादी प्रयागराज पिता कमलकिशोर की शिकायत पर अमृत मकेरा व अनीता पति जोसेफ के खिलाफ 336, 334 व धर्मपरिवर्तन अधिनियम के तहत मामला दर्ज किया गया है।
स्कीम 78 के रहने वाले हैं पांचों बच्चे
इंदौर रेलवे स्टेशन पर उस वक्त हंगामा हो गया जब एक हाई कोर्ट वकील की शिकायत पर हिंदू संगठन व जीआरपी पुलिस ने ट्रेन में चढ़ने के पहले बच्चों को एक व्यक्ति के चंगुल से मुक्त कराया। पूरी कार्रवाई हाई कोर्ट वकील की शिकायत पर की गई हैं। आरोप है की सभी 5 बच्चे विजय नगर इलाके के स्कीम- 78 के हैं और इनको अवंतिका एक्सप्रेस से मुंबई ले जाने की तैयारी थी। सही समय पर सूचना मिलने के चलते बच्चों को धर्म परिवर्तन के लिए जाने वाले व्यक्ति से प्लेटफार्म नंबर चार से मुक्त करवा लिया गया। बच्चों में एक पांच साल का बच्चा सरल चौहान भी शामिल हैं।
नाम बदलने का भी लगा आरोप
बच्चे ने पुलिस और हिंदूवादी संगठन से पूछताछ में बताया कि उसका नाम बदलकर सामवेल रख दिया गया। बच्चा माता पिता के साथ रहना चाहता है, लेकिन जबरजस्ती उसको ट्रेन से कहीं ले जाया जा रहा हैं। शिकायतकर्ता हाई कोर्ट वकील के मुताबिक किसी छात्रा ने फोन लगाकर जानकारी दी थी। जिसके बाद यहां पर पहुंचने पर बच्चों को मुक्त कराया गया। वहीं बच्चों के साथ अभिभावक बनकर मुंबई जा रहे अमृत कुमार के मुताबिक इन सभी बच्चों के माता-पिता क्रिस्चन हैं। बच्चों को बाम्बे ले जाना था। तीन दिन की प्रेयर हैं, वहीं शामिल होने के लिए बच्चे जा रहे थे। धर्म-परिवर्तन के आरोपों को पूरी तरह से अमृत कुमार ने नकारा दिया।
शिकायत की जांच कर रही जीआरपी
जीआरपी के मुताबिक सूचना मिली थी कि कुछ बच्चों को ट्रेन से मुंबई ले जाया जा रहा है। आरोप लगाया गया है कि धर्म परिवर्तन के लिए ले जाया जा रहा था। एक बच्चे ने पूछताछ में अपने आप को हिंदू होना बताया है। कुल पांच बच्चे और पांच बड़े लोग हैं, जिनमें अमृत कुमार व एक महिला है। पुलिस ने जांच के बाद कार्रवाई की बात कही है।