इंदौर। निगम की आंखों में धूल झोंककर बनाए जा रहे अमर मेट्रोस के मामले में एक और खुलासा हुआ है। निगम से अनुमति तो कर्ताधर्तओं ने स्वयं के उपयोग के लिए ली, किंतु इसके हर फ्लोर पर तैयार फ्लैट और दुकानों को बेचा जा रहा है। वहीं नियमों को ताक पर रखकर किए गए निर्माण को खरीदारों से छिपाया जा रहा है। कर्ताधर्ताओं ने आकर्षक ब्रोशर भी तैयार किए हैं, ताकि खरीदारों को आसानी से लुभाया जा सके।
दरअसल, 22/1 पागनीसपागा मेन रोड पर चार मंजिला इमारत मेट्रो रियल एस्टेट बिल्डर और डेवलपर्स द्वारा बनाई जा रही है। इमारत की ब्रांडिंग प्रस्तावित रिवर साइड का खूबसूरत चित्र ब्रोशर में दर्शाकर की जा रही है। काल्पनिक चित्र बनाकर ब्रोशर में लोगों को फ्लैट से लेकर दुकान और ऑफिस उपलब्ध कराने का काम एजेंटों के माध्यम से हो रहा है। निगम अफसरों ने निर्माण की अनुमति देने के बाद झांकने की भी जहमत नहीं उठाई कि आखिर यहां पर निर्माण के दौरान नियमों का कितना पालन किया जा रहा है। महज नोटिस देकर निगम अफसरों ने मामले को फाइलों में दफन कर दिया। नोटिस का जवाब भी कर्ताधर्ताओं ने अफसरों से मिलीभगत कर दे दिया, ताकि मामला ज्यादा तूल न पकड़े। हालांकि निगम ने हाल ही में अवैध निर्माणों में जमकर हथौड़े चालाए है।