इंदौर। 17 नवंबर को फागुन गार्डन में होने वाले केनल क्लब ऑफ़ इंडिया के डॉग शो के ठीक पहले शुक्रवार को डॉग वॉलेंटियर्स के लिए अहिल्या नगरी केनल क्लब ने एक खास ट्रेनिंग सेशन का आयोजन किया गया। इस सेशन में टोटिंग, फिजिकल एग्जामिनेशन, बाईट चेक और स्टैककिंग की ट्रेनिंग दी गई। इसके साथ ही डॉग्स की दो कैटेगिरी, शो डॉग और वर्किंग डॉग में अंतर बताया गया।
खास ब्रीड्स को दी गई ट्रेनिंग
अहिल्या नगरी केनल क्लब के सेक्रेटरी अजय जैनकर ने बताया कि इस सेशन में जर्मन शेफर्ड, बेल्जियम शेफर्ड, मैलोनीज़ , क्विंट गोइंग, पिटबुल, लेब्राडोर जैसे खास ब्रीड्स के डॉग्स को ट्रेनिंग दी गई। डॉग्स के साथ रिंग में जाने वाले वॉलेंटियर्स को भी टोटिंग की टैनिंग दी गई।
डॉग बिहेवियरिस्ट अकरम खान बताते हैं कि अच्छी ब्रीड्स के डॉग्स को हम दो कैटेगिरी में बाटते हैं वर्किंग डॉग्स, जिन्हे किसी खास काम जैसे सुरक्षा या सहायता के लिए ट्रेनिंग दी जाती है और दूसरे शो डॉग्स, जिन्हें बचपन से ही डॉग शोज के लिए तैयार किया जाता है। इन्हे इनके ब्रीड स्टैंडर्ड के मुताबिक सही साइज, शेप, वजन और खड़े होने के तरीके जैसे मानकों पर परखा जाता है।
डॉग शो में इन चार मानकों पर परखते हैं जज
शो में हर डॉग को चार मानकों पर परखा जाता है। इनमें से पहला है टोटिंग, जिसमें देखा जाता है कि डॉग की चाल कितनी अच्छी है। दूसरे हिस्से में जज डॉग को हाथ से छूकर फिजिकली एग्जामिन करते हैं। इस वक्त डॉग का बेहेवियर नार्मल होना चाहिए, यह बहुत जरुरी है। इसके बाद बारी आती है। बाईट चेक के लिए जज डॉग के मुंह में हाथ डालकर उसके दांतों के आकार की जांच करते हैं। फिर डॉग को स्टैककिंग पोजीशन में खड़ा करके उसके पोश्चर को परखा जात है। जो लोग अपने डॉग्स को शो के लिए तैयार करना चाहते हैं, उन्हें एथलीट की तरह हमेशा डॉग्स को हेल्दी फ़ूड देना चाहिए और एक्सरसाइज करवानी चाहिए। 3 महीने की उम्र से डॉग्स, शो में हिस्सा ले सकते हैं।
डॉग्स को खिलाएं फ्रेश फ़ूड
अकरम खान ने बताया कि रिसर्च के अनुसार पूरी तरह से डॉग फ़ूड पर ही निर्भर रहने वाले 6 में से 1 डॉग को कैंसर का खतरा होता है। इस बात को हुए हम इंसानों में आर्गेनिक फ़ूड के चलन की तरह डॉग्स फ़ूड या लाइव फ़ूड के चलन को बढ़ाना चाहते हैं इसलिए हम ट्रेनिंग के दौरान भी इस बारे में वॉलेंटियर्स को जानकारी दी। हालांकि फ्रेश फ़ूड देते वक्त यह ध्यान रखना होता है कि स्किन प्रॉब्लम्स वाले डॉग्स को अनाज से एलर्जी हो सकती है इसलिए इन्हे रोटी और चावल ना दें। इसी तरह दूध से डॉग्स को बाल झड़ने और डाइजेशन में समस्या हो सकती है इसलिए दूध के बजाए डॉग्स को पनीर और दही दें।