न्यूयार्क। महात्मा गांधी और न्यूयार्क के सिख कैब चालक जैसी विविधता भरे किरदार निभा चुके ऑस्कर विजेता अभिनेता बेन किंग्सले अब चाहते हैं कि वह मुगल बादशाह शहंशाह का किरदार निभाएं और ताजमहल की कहानी बयां करें। किंग्सले ने बताया, मेरी इच्छाओं में से एक इच्छा यह है कि मैं उनका (शाहजहां) किरदार निभाऊं।
वह एक अदभुत इंसान, इंजीनियर, दार्शनिक, कवि, वास्तुकार और योद्धा थे। यह अद्भुत है। मैं उनका किरदार पर्दे पर निभाना पसंद करूंगा। मैं उनसे प्रभावित हूं। उन्होंने कहा कि एक फिल्म या किसी छोटी श्रृंखला के जरिए वह मुगल बादशाह और ताजमहल के ‘असाधारण’ इतिहास को बयां करना चाहते हैं।
फिल्म का निर्देशन इसाबेल कोइग्जेट ने किया है और लेखन सारा केर्नोचन ने किया है। यह फिल्म उन अत्याचारों की ओर इशारा करती है, जिनसे सिख समुदाय को भारत में दो-चार होना पड़ता है। यही एक वजह होती है, किंग्सले के किरदार को अमेरिका में राजनीतिक शरण लेने पर मजबूर करती है।
भारत में तूड़ एक विश्वविद्यालय में प्रोफेसर था लेकिन अपने धार्मिक विश्वासों के कारण उसे कैद काटनी पड़ी। यह फिल्म अमेरिका में विशेष तौर पर 11 सितंबर के हमलों के बाद सिख समुदाय के लोगों द्वारा झेले जा रहे भेदभाव और नस्ली पहचान के मुद्दे को भी उठाती है।
71 वर्षीय किंग्सले वर्ष 1982 में आई फिल्म ‘गांधी’ में अपने किरदार के लिए ऑस्कर जीत चुके हैं। फिल्म में मिले किरदार में पूरा रम जाने वाले किंग्सले सिख व्यक्ति जैसे दिखने के साथ-साथ उनके ठीक वैसे ही व्यवहार करते हैं, जैसे कोई सिख व्यक्ति करता है। उन्होंने सिखों के तौर तरीकों को बेहद सफाई के साथ अपनाया है, फिर चाहे वह पगड़ी बांधना हो या गुरूद्वारे में अरदास करना।
फिल्म में तूड़ वेंडी को कार चलाना सिखाता है। वेंडी की भूमिका क्लार्कसन ने निभाई है। इसी दौरान दोनों में एक खास दोस्ती हो जाती है और दोनों एक दूसरे को उनके जीवन में पेश आने वाली मुश्किलों से लड़ने में मदद करते हैं। चौधरी ने किंग्सले की पत्नी की भूमिका निभाई है। उन्हें वर्ष 2014 के टोरंटों अंतरराष्ट्रीय फिल्म समारोह में पीपल्स च्वाइस अवॉर्ड के पहले रनर-अप का पुरस्कार मिला था।