नई दिल्ली। न्यूजीलैंड के खिलाफ तीन मैचों की सीरीज में चार गोल लगा चुके ड्रैग फिल्कर रूपिंदर पाल सिंह ने 18वें एशियाई खेलों में भी इसी लय को कायम रखने का भरोसा जताते हुए कहा है कि उनकी टीम इस बार स्वर्ण कब्जाने के इरादे से उतरेगी। बेंगलुरू में भारत ने हाल में न्यूजीलैंंड के खिलाफ तीन मैचों की अभ्यास सीरीज में 3-0 से जीत दर्ज की थी, जहां रूपिंदर ने सर्वाधिक चार गोल दागे थे। भारतीय पुरूष टीम अगस्त में जकार्ता और पालेमबांग में हुए 18वें एशियाई खेलों में गत चैंपियन की हैसियत से उतरेगी, जहां उसकी कोशिश एक बार फिर पिछली सफलता को दोहराने की है।
कायम रखनी होगी अपनी लय
रूपिंदर ने अपनी वापसी को लेकर कहा, ‘‘नजी तौर पर मेरे लिए राष्ट्रमंडल खेलों की रजत विजेता टीम न्यूजीलैंड के खिलाफ खेलना बहुत अहम रहा है। मैं एफआईएच चैंपियंस ट्रॉफी के दौरान नहीं खेल पाया लेकिन एशियन खेलों में मुझे अपनी लय कायम रखनी होगी।’’ अप्रैल में हुए गोल्ड कोस्ट खेलों के बाद से रूपिंदर भारत के लिए अंतरराष्ट्रीय टूर्नामेंटों से बाहर रहे थे। वह हैमस्ट्रिंग चोट के कारण ब्रेदा में चैंपियंस ट्रॉफी में भी नहीं खेल सके थे, जहां भारत ने रजत जीता था।
फिटनेस पर दे रहे हैं विशेष ध्यान
एशियन गेम्स में भारत को बड़ी टीमों की चुनौती झेलनी होगी, ऐसे में रूपिंदर राष्ट्रीय शिविर में अपनी फिटनेस पर काम कर रहे हैं। न्यूजीलैंड के खिलाफ अच्छे प्रदर्शन को लेकर ड्रैग फ्लिकर ने कहा, ‘‘किसी भी खिलाड़ी के लिए अपनी टीम को टीवी पर खेलते देखना अच्छा अहसास नहीं है। मेरे लिए हालांकि रिहैब से गुजरना और एशियन गेम्स तक खुद को तैयार करना अहम है।’’ लय कायम रखने के साथ फिट बने रहने के लिए रूपिंदर ने बांग्लादेश के खिलाफ भी इस महीने चार अभ्यास मैचों में हिस्सा लिया जहां उन्होंने पेनल्टी कार्नर पर 10 गोल दागे। उन्होंने दक्षिण कोरिया के खिलापु भी दो अभ्यास मैच खेले हैं और उसमें एक गोल पेनल्टी कार्नर पर किया। रूपिंदर ने कहा कि मुझे लगता है कि बांग्लादेश, दक्षिण कोरिया और न्यूजीलैंड के खिलाफ मैच किसी बड़े टूनार्मेंट से पहले मेरे लिए बहुत अहम रहे हैं। मेरे लिए यह सत्र असंतोषजनक होते हुए भी फायदेमंद साबित हुआ है।