बैंकॉक। ट्रेनिंग और टूर के लिए नहीं थे पैसे, लेकिन भारतीय महिला आइस हॉकी टीम की महिलाओं ने हार नहीं मानी और चंदा कर पैसे जमा कराए और आईआईएचएफ एशिया चैलेंज कप जीतकर इतिहास रच दिया। यह भारतीय महिला आइस हॉकी टीम की अंतरराष्ट्रीय टूर्नामेंट में पहली जीत है।
थाईलैंड की राजधानी बैंकॉक में खेले गए आईआईएचएफ एशिया चैलेंज कप में भारतीय टीम ने फिलिपींस को 4-3 से हराया। टीम की जीत इस मायने में अहमियत रखती है कि इस टूर्नामेंट में जाने के लिए उसके पास पैसे भी नहीं थे। इसके लिए उन्होंने क्राउड फंडिंग अभियान शुरू किया और इससे चंदा जुटाया। इस अभियान के दौरान 3000 दानदाताओं ने सहयोग दिया। इस पैसे से महिला खिलाड़ियों की ट्रेनिंग, रहने की व्यवस्था, हवाई किराया, वीजा, टीम जर्सी और साजोसामान की व्यवस्था हुई। टीम ने कुछ समय तक किर्गिस्तान में भी प्रशिक्षण लिया।
चुस्कीत ने खोला खाता
फिलीपींस के खिलाफ फाइनल में त्सवांग चुस्कीत ने भारत का खाता खोला। कप्तान रिंचेन देवी ने इस बढ़त को दोगुना किया। हालांकि फिलीपींस की टीम ने जल्द वापसी की। उसके लिए बियांका क्यूवास ने दो और कायला हबोर्लारियो ने गोल दागकर टीम को 3-2 से आगे कर दिया। इसके बाद भारत के लिए चुस्कीत ने भारत का तीसरा गोल दाग दिया। मैच के 58वें मिनट में चुस्कीत ने अपना तीसरा गोल दागकर टीम इंडिया को निर्णायक बढ़त दिला दी।
39 गोल खाए और 5 किए
भारत ने 2016 के एशिया चैलेंज कप से अपना अंतरराष्ट्रीय डेब्यू किया था। इस प्रतियोगिता में टीम इंडिया की अनुभवहीनता साफ दिखाई दी। इस टूर्नामेंट में भारत ने 39 गोल खाए और उसकी ओर से केवल 5 गोल हो पाए।