लखनऊ। भारतीय हॉकी टीम ने 15 साल बाद फिर जूनियर हॉकी वर्ल्ड कप के खिताब पर कब्जा जमाया। लखनऊ के मेजर ध्यानचंद स्टेडियम में खेले गए फाइनल मुकाबले में भारतीय टीम ने बेल्जियम को 2-1 से शिकस्त देकर खिताब पर कब्जा किया। दोनों ही टीमों के बीच जबरदस्त मुकाबला देखने को मिला। लेकिन आखिरी में बाजी भारतीय टीम ने जीता। यह दूसरा मौका है जब भारतीय जूनियर हॉकी टीम वर्ल्ड चैंपियन बनी है।
भारत की ओर से दोनों गोल मैच के पहले हाफ में दागे गए। गुरजंत सिंह ने मैच के 8वें मिनट में भारतीय टीम के लिए पहला गोल किया। सिमरनजीत सिंह ने 22वें मिनट में दूसरा गोल दागकर टीम को 2-0 की बढ़त दिला दी। बेल्जियम ने मैच के 78वें मिनट में अपनी टीम के लिए एकमात्र गोल दागा।
यूपी के मुख्यमंत्री अखिलेश यादव ने विजेता भारतीय टीम को वर्ल्ड कप ट्रॉफी प्रदान की। राज्यपाल राम नाइक ने खिलाड़ियों को सम्मानित किया। भारतीय हॉकी प्रेमियों ने ऐसा मंजर बरसों बाद देखा जब टीम के हर मूव पर दर्शकों से खचाखच भरे स्टेडियम में 'इंडिया इंडिया' के नारे लग रहे थे। मैदान के चारों ओर दर्शक दीर्घा में तिरंगे लहरा रहे थे।
हूटर के साथ ही कप्तान हरजीत सिंह की अगुवाई में भारतीय खिलाड़ियों ने मैदान पर भंगड़ा शुरू कर दिया। उनके साथ दर्शक भी झूम उठे. खुशी के मारे कोच हरेंद्र सिंह अपने आंसुओं पर काबू नहीं रख सके।
भारत तीसरी बार जूनियर वर्ल्ड कप के फाइनल में पहुंचा था। इससे पहले 2001 में ऑस्ट्रेलिया के होबर्ट में भारतीय टीम ने अर्जेंटीना को 6-1 से हराकर एकमात्र जूनियर वर्ल्ड कप जीता था। वहीं 1997 में इंग्लैंड में हुए टूर्नामेंट के फाइनल में ऑस्ट्रेलिया ने भारत को हराया था। भारत 11 साल पहले रोटरडम में कांस्य पदक के मुकाबले में स्पेन से पेनल्टी शूटआउट में हार गया था और उस समय भी टीम के कोच हरेंद्र सिंह ही थे।