नई दिल्ली। केंद्रीय सूचना आयोग (सीआईसी) ने हॉकी इंडिया को निर्देश दिया है कि वह पिछले दो साल के दौरान उसे मिली प्रायोजन राशि का खुलासा करे और इन्हें हासिल करने के लिए दी गई कमीशन की जानकारी भी दे।सीआईसी का यह निर्देश भारतीय जनता पार्टी के सांसद कीर्ति आजाद की याचिका पर आया है जिन्होंने देश में हॉकी का संचालन करने वाले हॉकी इंडिया से सात बिंदुओं पर जवाब मांगा है जिसमें प्रायोजन राशि की जानकारी भी शामिल है।
आजाद ने साथ ही पिछले दो साल में सलाहकार एजेंसी और कानूनी खर्चों की भी जानकारी मांगी है और साथ ही हॉकी इंडिया और हॉकी इंडिया लीग से जुड़े प्रत्येक सलाकार और प्रत्येक वकील का नाम भी पूछा है। सीआईसी के समक्ष सुनवाई के दौरान हॉकी इंडिया के वकील ने कहा कि यह जानकारी पहले ही उनकी वेबसाइट के जरिए सार्वजनिक मंच पर मौजूद हैं और इसलिए सूचना का अधिकार कानून के तहत जानकारी देने की जरूरत नहीं है।
आजाद की ओर से पेश समीर बहादुर ने आयोग से कहा कि उन्हें प्रायोजन राशि, प्रायोजन हासिल करने के लिए भुगतान किए गए कमीशन और सलाहकार सेवा और कानूनी खर्चों से जुड़ी जानकारी नहीं मिली है। समीर ने कहा कि हॉकी इंडिया की वेबसाइट अधूरी है जिस पर हॉकी इंडिया के वकील ने कहा कि वेबसाइट पूर्ण है और वे प्रिंट आउट मुहैया करा सकते हैं।
सूचना आयुक्त एमए खान यूसुफी ने कहा- आयोग का नजरिया है कि अपीलकर्ता को प्रतिवादी ने जानबूझकर आरटीआई कानून 2005 के फायदे से महरूम रखा। यहां तक कि 11 महीने से अधिक समय बीतने के बावजूद। ऐसे में आयोग का मानना है कि अपीलकर्ता की दूसरी अपील आंशिक तौर पर स्वीकृति की हकदार है। इसलिए इसके मुताबिक स्वीकृति दी जाती है।