नई दिल्ली। हॉकी इंडिया ने पंजाब और हरियाणा हाई कोर्ट के आदेश के बाद शनिवार को तुरंत प्रभाव से गुरबाज सिंह पर लगा नौ महीने का प्रतिबंध हटा दिया गया है। हाई कोर्ट ने इस सीनियर खिलाड़ी के निलंबन को ‘गैरकानूनी’ करार दिया था।
पूर्व महान खिलाड़ी हरबिंदर सिंह की अगुआई वाली हॉकी इंडिया की खिलाड़ी विवाद और शिकायत निपटान समिति ने गुरबाज पर यह फैसला किया। इससे पहले हाई कोर्ट ने कहा था कि खिलाड़ी के खिलाफ लगाए गए आरोप उसे दी गई कड़ी सजा के लिए पर्याप्त नहीं हैं।
हॉकी इंडिया ने गुरबाज पर टीम का माहौल खराब करने और गुटबाजी का आरोप लगाते हुए बेल्जियम के एंटवर्प में हॉकी विश्व लीग सेमीफाइनल्स के बाद निलंबित कर दिया था। इस मिडफील्डर ने इसके बाद अदालत की शरण ली थी। समिति ने हालांकि अपने पुराने रूख पर कायम रहते हुए आज गुरबाज को चेतावनी देकर छोड़ दिया।
समिति ने कहा, हमने गुरबाज सिंह को चेतावनी दी है कि अगर वह भविष्य में दुर्व्यवहार करेंगे तो यह समिति इसे गंभीर गलती मानेगी। भविष्य में अगर उनके आचरण को लेकर कोई शिकायत मिलती है तो समिति उनके अतीत के रिकार्ड पर भी गौर करेगी जिसमें लंदन ओलंपिक भी शामिल है।
समिति ने कहा, उपरोक्त को देखते हुए हमने फैसला किया है कि यह उचित होगा कि प्रतिबंध के समय को उतना ही सीमित कर दिया जाए जितना प्रतिबंध खिलाड़ी बिता चुका है।
गुरबाज सिंह तुरंत प्रभाव से हॉकी इंडिया, एएचएफ और एफआईएच से मान्यता प्राप्त प्रतियोगिताओं में खेलने के पात्र होंगे। समिति के हरबिंदर के अलावा आरपी सिंह, एबी सुबैया, जसजीत कौर और हॉकी इंडिया की सीईओ एलेना नार्मन शामिल थी।