नई दिल्ली। भारतीय हाॅकी टीम के पूर्व कोच जोस ब्रासा ने विदेशी कोचों की विवादित विदाई के लिए स्वतंत्रता के अभाव और अधिकारियों के दखल को दोषी ठहराते हुए कहा है कि, अच्छे कोच हाॅकी इंडिया के अध्यक्ष नरिंदर बत्रा के हाथ की ‘कठपुतली’ बनकर काम नहीं कर सकते।
ब्रासा ने डच कोच पाल वाॅन ऐस की बर्खास्तगी पर कहा, हाॅकी इंडिया कई कोचों को बर्खास्त कर चुका है और भारत में मुझसे पहले रिक चार्ल्सवर्थ भी इसी तरह निकाले गए थे जो दुनिया के सर्वश्रेष्ठ कोच हैं। यहां समस्या आजादी के अभाव की है।
उन्होंने कहा, हाॅकी इंडिया और साइ शुरूआत में आपको काफी सब्जबाग दिखाते हैं और वादा करते हैं कि आपको खिलाड़ियों के चयन की आजादी होगी लेकिन एक बार करार कर लेने पर यदि वे आपके चुने खिलाड़ियों से खुश नहीं हैं तो दखल देना शुरू कर देते हैं।
उन्होंने कहा, समस्या आजादी के अभाव की है। भारत में वही कोच लंबा टिक सकता है जो बत्रा के हाथ की ‘कठपुतली’ बनने को राजी हो। अच्छे विदेशी कोचों को यह मंजूर नहीं होगा और यही वजह है कि आखिर में हम सभी को हटा दिया गया। इस स्पेनिश कोच ने कहा, समस्या यह नहीं है कि कोच अपने काम को बखूबी अंजाम देने की कोशिश नहीं करते बल्कि समस्या वह व्यक्ति है जो कोचों को कठपुतली बनाकर रखना चाहता है और उसे हटाना जरूरी है।