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Health

हमारा मस्तिष्क ही आलसी होने के लिए बना है

By Dabangdunia News Service | Publish Date: Sep 20 2018 4:14PM | Updated Date: Sep 20 2018 4:14PM
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टोरंटो। यदि आप भी ऐसे लोगों में हैं जिन्हें कोई भी काम करने में आलस आता है और आप अपने आलस से परेशान है तो यह समस्या आपके व्यवहार की बिल्कुल नहीं हैं बल्कि यह आपके मस्तिष्क की है। एक नए शोध में पता चला है कि प्राकृतिक तौर पर हमारा मस्तिष्क आलसी होने के लिए ही बना है।
 
दशकों से समाज लोगों को शारीरिक रूप से ज्यादा सक्रिय बनने को प्रेरित करता रहा है लेकिन आंकडे़ दिखाते हैं कि अच्छे इरादे होने के बावजूद हम कम सक्रिय हो रहे हैं। कनाडा में यूनिवर्सिटी आॅफ ब्रिटिश कोलंबिया के शोधकर्ताओं ने इसे समझने के लिए मस्तिष्क का अध्ययन किया।
 
यूबीसी में शोधकर्ता मैथ्यू बोइसगोंटियर कहते हैं, 'मानव के अस्तित्व के लिए ऊर्जा का संग्रह जरूरी है क्योंकि यह हमें भोजन और सुरक्षित स्थान की तलाश, साथी के लिए प्रतिस्पर्धा और शिकारियों से सुरक्षा के लिए अधिक दक्ष बनाता है।' 
 
'न्यूरोसाइकोलॉजिया' पत्रिका में प्रकाशित स्टडी के वरिष्ठ लेखक बोइसगोंटियर ने बताया, 'शारीरिक निष्क्रियता से निपटने में सार्वजनिक नीतियों की असफलता मस्तिष्क की प्रकिया के कारण हो सकती है जो क्रमागत उन्नति में विकसित हुई है।' अध्ययन के लिए शोधकतार्ओं ने युवा वयस्कों को चुना, उन्हें कंप्यूटर के सामने बैठाया और उनमें होने वाले परिवर्तनों का अध्ययन किया।
 
उन्हें छोटी-छोटी तस्वीरें दिखाई गईं, जिसमें शारीरिक सक्रियता और असक्रियता को दशार्या गया था। बोइसगोंटियर ने कहा, 'हम पूर्व के अध्ययनों से जानते थे कि लोग आलसी व्यवहार को दूर करने में तेजी दिखाते हैं और सक्रिय व्यवहार की तरफ बढ़ते हैं। ' उन्होंने कहा, 'परिणाम से यह सामने आया कि मस्तिष्क ही आलसी व्यवहार की तरफ से आकर्षित रहता है।'
 
तो सवाल यह उठता है कि क्या मनुष्य के मस्तिष्क को फिर से प्रशिक्षित करने की जरूरत है। बोइसगोंटियर कहते हैं, 'कोई भी चीज जो कि स्वत: होता है उसे स्वीकारना मुश्किल होता है, अगर आप उसे चाहते हों तब भी, क्योंकि आपको पता नहीं होता कि वह हो रहा है। 
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