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सही निकली बुजुर्गों की बात, ऊंचे स्वर में पढ़ने से बढ़ती है याददाश्त

By Dabangdunia News Service | Publish Date: Aug 25 2018 12:51PM | Updated Date: Aug 25 2018 12:51PM
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अगर आपका बच्चा कोई पाठ याद नहीं कर पा रहा है तो उसे ऊंचे स्वर में पढ़ने की आदत डालने को कहिए। एक अध्ययन में पता चला है कि जोर से पढ़ने से लंबी अवधि की याददश्त बढ़ती है। अध्ययन के नतीजों में सामने आया है कि बोलने और सुनने की दोहरी कार्यविधि 'उत्पादन प्रभाव' का याददाश्त पर लाभकारी असर होता है। बोलने और सुनने से शब्द जाना-पहचाना बन जाता है और इस प्रकार उसके मस्तिष्क में प्रतिधारण यानी स्मृति में बने रहने की संभावना बढ़ जाती है।
 
कनाडा के वाटरलू विश्वविद्यालय के प्रोफेसर कोलिन एम. मैकलियोड ने कहा अध्ययन में सक्रिय सहभागिता से सीखने और स्मृति के फायदे की पुष्टि होती है। उन्होंने आगे बताया जब हम सक्रिय उपाय या उत्पादन तत्व किसी शब्द के साथ जोड़ते हैं, तो वह शब्द ज्यादा विशिष्ट बनकर हमारी लंबी अवधि की स्मृति में रहता और वह स्मरणीय बन जाता है। मेमोरी नामक पत्रिका में प्रकाशित इस अध्ययन में शामिल दल ने लिखित सूचनाओं को सीखने की चार विधियों का परीक्षण किया, जिनमें शांत होकर पढ़ना, किसी को पढ़कर सुनाना, अपने पढ़े हुए को रिकॉर्ड करके सुनना और जोर से पढ़ना शामिल था।
 
अध्ययन के नतीजे बताते हैं कि जोर से पढ़ने का जो उत्पादन प्रभाव है, वह याददाश्त के लिए सबसे अच्छा है। मैकलियोड ने बताया अध्ययन बताता है कि कार्य करने के विचार या क्रियाशीलता भी स्मरण शक्ति बढ़ती है। यह अनुसंधान पूर्व के अध्ययनों पर आधारित है, जिसमें यह बताया गया है कि गतिविधियों का उत्पादन प्रभाव जैसे- शब्द लिखना और टाइप करना, से आखिरकार स्मृति बढ़ती है।  
 
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