नई दिल्ली। गर्मी के मौसम में पसीने और बदबू की शिकायत सभी को रहती है, इससे बचने के लिए अधिकांश लोग डियोड्रेंट और परफ्यूम का इस्तेमाल करते है। लेकिन वे लोग नहीं जानते कि इन कॉस्मेटिक उत्पाद का इस्तेमाल करना उन्हें बहुत महंगा पड़ सकता है। और यह कॉस्मेटिक आयटम आपकी सेहत पर बुरा असर डालते हुए आपको गंभीर बीमार कर सकते है। इनके ज्यादा इस्तेमाल से लोगों में निराशावाद, अस्थमा अटैक और त्वचा संबंधी बीमारियों की संभावना बढ़ जाती है। आस्ट्रेलिया के एक शोधकर्ता ने 1100 लोगों पर शोध किया जिसमें 26 फीसदी लोगों ने माना है कि उन्हें कॉस्मेटिक उत्पादों के इस्तेमाल से परेशानी होती है। उन्होंने माना है कि इसमें इस्तेमाल होने वाले रसायनिक पदार्थों से माइग्रेन, अस्थमा अटैक और त्वचा संबंधी परेशानियां होती है।
मेलबर्न रिसर्च विश्वविद्यालय के मुख्य लेखक प्रोफेसर ऐनी स्टीनिमैन ने कहा: 'हम लगातार इन खतरनाक रसायनों के संपर्क में हैं, लेकिन लोगों को पता नहीं होता है। जब तक उन्हें पता लगता है काफी देर हो चुकी होती है। वैज्ञानिकों ने बताया कि पिछले 16 सालों में इस तरह के रसायनों से बीमार होने वाले लोगों की संख्या लगभग चार गुना बढ़ गई है। सितंबर 2016 में प्रकाशित एक अध्ययन में पाया गया कि एंटीप्राइजर्स में एल्यूमीनियम के यौगिकों के कारण स्तन कैंसर का खतरा बढ़ सकता है। ये यौगिक अस्थायी रूप से पसीने वाले ग्रंथियों को ब्लॉक करते हैं, जिससे स्तन के ऊतकों में निर्माण होता है जो स्तन कैंसर का प्रमुख कारण है।
अध्ययन के सह-लेखक जिनेवा विश्वविद्यालय के आंद्रे-पास्कल सपिनो ने अध्ययन में पाया गया कि लंबे समय तक के डियोड्रेंट के प्रयोग के परिणामस्वरूप ट्यूमर फैल में बढ़ावा होता है। वहीं दूसरी ओर कई प्रमुख विशेषज्ञों ने स्विस अध्ययन में खामियां निकाली और कहा कि एल्यूमीनियम लवण वाले डीओडोरेंट्स पर प्रतिबंध लगाने की कोई जरूरत नहीं है। हालांकि, सर्वेक्षण में 1,137 वयस्कों में से अधिकांश लोगों ने रसायनों को शारीरिक प्रतिक्रियाओं का अनुभव करने का दावा किया।