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Health

तो इसलिए होते हैं ब्रेस्ट रैशेज

By Dabangdunia News Service | Publish Date: Mar 14 2018 2:31PM | Updated Date: Mar 14 2018 2:31PM
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ब्रेस्ट रैशेज महिलाओं को होने वाली एक गंभीर समस्या है। रैशेज यानी चकत्ते लाल रंग के होते हैं। इनमें सूजन भी हो सकती है, इसके अलावा इनमें पस भी भरा होता है। हालांकि यह शरीर के किसी भी अंग में हो सकते हैं। लेकिन ब्रेस्ट रैशेज केवल ब्रेस्ट के नीचे होते हैं। त्वचा की यह समस्या महिलाओं की दूसरी गंभीर बीमारी की तरफ भी इशारा करती है। ब्रेस्ट रैशेज के क्या कारण हैं, इसके बारे में जानने के लिए इस लेख को पढ़ें।

ब्रेस्ट रैशेज के कारण

ब्रेस्ट रैशेज के लिए सबसे अधिक जिम्मेदार कारक एलर्जी, संक्रमण या ऑटोइम्यून डिजीज है।
कुछ तरह के चर्म रोगों के कारण भी ब्रेस्ट रैशेज हो सकते हैं।
रैशेज कॉस्मे‍टिक्स या डिटर्जेंट से भी हो सकते हैं।
ज्वैलरी के कारण भी रैशेज होते हैं।
दवाओं के साइड-इफेक्ट से होते हैं रैशेज।
अधिक तनाव लेने से होते हैं ब्रेस्ट रैशेज।
औद्योगिक केमिकल जैसे – इलास्टिक, लैटेक्स या रबर के संपर्क में आने से भी रैशेज हो सकते हैं।
 
ब्रेस्ट रैशेज के कारण खुजली और जलन होती है, जोकि असहनीय हो सकती है। ऐसे में बेबी पाउडर का इस्तेमाल करें, इसे लगाने से खुजली और जलन में आराम मिलेगा और रैशेज बढ़ेंगे नहीं। फंगल रैसेज की समस्या है, तो मीठा खाना कम करें। कॉर्न स्टॉर्च लगाएं, इससे बढ़ते हुए रैशेज कम होंगे। कॉर्न- स्टार्च का पेस्ट 10-15 मिनट लगाने के बाद हटा दें। तुलसी के पत्तों का पेस्ट लगाएं। हल्दी को ऐलोवेरा और दूध के साथ मिलाकर प्रभावित हिस्से पर लगायें। अगर रैशेज की समस्या गंभीर है तो स्त्री रोग विशेषज्ञ या त्व‍चा रोग विशेषज्ञ से सलाह जरूर लें।
 
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