भविष्य में देश में खाद्य सुरक्षा की गारंटी दिलाने में अहम भूमिका निभाने वाला सदाबहार आलू न केवल पोषक तत्वों से भरपूर है बल्कि यह कोलेस्ट्रोल के स्तर को कम करने, कैंसर तथा स्कर्वी रोग से बचाव में मदद करता है। इसमें वसा काफी कम मात्रा में होती है जो मोटापा भी नहीं बढ़ाती।
आलू में प्रोटीन, विटामिन सी, विटामिन बी , खनिज लवण और कार्बोहाईड्रेट पाए जाते हैं। इसका प्रोटीन अन्य अनाजों में पाए जाने वाले प्रोटीन की तुलना में अच्छे गुणवत्ता का और आसानी से पचने वाला है। प्रोटीन अमीनो एसिड से बनता है और मानव शरीर के लिए 21 अमीनो एसिड की जरुरत होती है। अनाज में लाइसिन तथा मिथियोनिन जैसे अमिनो एसिड कम मात्रा में मिलते है जबकि आलू में ये भरपूर मात्रा में है।
केन्द्रीय आलू अनुसंधान संस्थान शिमला के अनुसार आलू में विटामिन बी समूह का विटामिन भरपूर मात्रा में पाया जाता है जो शरीर को स्वस्थ रखने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है। पुराने आलू की तुलना में ताजे आलू में अधिक मात्रा में विटामिन सी होता है जो स्कर्वी रोग से बचाव करता है। एक सौ ग्राम आलू में 20 मिलीग्राम विटामिन सी पाया जाता है जो मक्का , गेहूं और चावल से कही ज्यादा है। छिलके सहित उबला हुआ एक सौ ग्राम आलू विटामिन बी कम्पलैक्स की दैनिक आवश्यकता को पूरा कर सकता है।
आलू के छिलकों और कोशिकाओं में लगभग 0.6 प्रतिशत रेशा पाया जाता है। यह रेशा गेहूं के छिलके के रेशे से बेहतर होता है जो शरीर में कोलेस्ट्राल के स्तर को कम करता है। आलू का स्टार्च खून में ग्लूकोज की मात्रा को संतुलित रखने में मदद करता है जो कोलोन कैंसर को रोकने में मदद करता है। यह एंटीआक्सीडेंट भी है।
इसमें फिनोल्स, फ्लेवोनोइड्स, कूकोयमिनेस, एंथोसाएनिन और केरोटेनोइड्स जैसे एंटीआक्सीडेंट पाए जाते हैं। एक सौ ग्राम ताजा आलू में 245 मिली ग्राम पोटाशियम, 40 मिलीग्राम फास्फोरस और 21 मिलीग्राम मैग्नेशियम पाया जाता है। आलू में पाए जाने वाले फास्फोरस का 80 प्रतिशत हिस्सा शरीर शोषित कर लेता है। दूध में आलू की तुलना में पांच सें दस गुना कम मैग्नेशियम पाया जाता है। आलू में लोहा, तांबा, क्रोमियम के अलावा खनिज लवण भी पाया जाता है।
करीब एक सौ ग्राम आलू से शरीर को 90 से 100 कैलोरी ऊर्जा प्राप्त होता है। इसमें 16 से 18 प्रतिशत कार्बोहाईड्रेट पाया जाता है। भ्रमवश ज्यादातर लोगों का मानना है कि आलू खाने से मोटापा बढता है। इसमें वसा की मात्रा केवल 0.1 प्रतिशत है। आलू को तेल में तलने के बाद उसमें वसा की मात्रा बढ़ जाती है जिससे मोटापा होता है। इसमें वसा का एक बड़ा हिस्सा असंतृप्त वसा का होता है जो पौष्टिकता की दृष्टि से अच्छा है।