लखनऊ। अब लिंग की जांच सिर्फ अल्ट्रासाउंड से ही नहीं हो रही है। खून की जांच से भी लिंग का पता लगाया जा रहा है। चीन की प्रतिबंधित किट से भारत में लिंग की जांच का खेल चल रहा है। गुपचुप तरीके से चीनी किट भारत में खपाई जा रही है। हरियाणा समेत दूसरे राज्यों में किट पकड़ी गई हैं। हरियाणा और मुंबई समेत दूसरे राज्यों में चीनी किट से गर्भ में पल रहे शिशु का लिंग पता करने का घिनौना खेल चल रहा है। वर्ष 2017 में अकेले हरियाणा में गर्भस्थ का लिंग पता करने के 80 मामले प्रकाश में आ चुके हैं। 10 से ज्यादा लोगों पर कानूनी कार्रवाई हो चुकी हैं। इंडियन फेडरेशन ऑफ अल्ट्रासाउंड इन मेडिसिन एंड बायोलॉजी (आईएफयूएमबी) के सदस्य डॉ. अतुल कुमार अग्रवाल ने बताया कि चीन से आयातित किट से न सिर्फ लिंग निर्धारण हो रहा है बल्कि गर्भ का चिकित्सीय समापन भी हो रहा है।
खून के नमूने से चलता है पता
डॉ. अग्रवाल ने बताया कि गर्भस्थ के खून के नमूने से उसके लिंग का पता लगाया जा रहा है। खून की दो बूंद किट पर रखी जाती है। नतीजा सामने आ जाता है। चिकित्सा विज्ञान में इसे फिटल हीमोग्लोबिन जांच कहते हैं। इसके अलावा किट के साथ मुहैया कराई जा रही दवा से कोख में ही लड़कियों की हत्या किए जाने की भी आशंका है। उन्होंने बताया वे खुद भी हरियाणा सरकार और वहां के स्वास्थ्य महानिदेशक को भी पत्र लिख चुके हैं। उन्होंने पत्र में प्रतिबंधित चीनी किट की बेच-खरीद पर कड़ाई से प्रतिबंध लगाने की मांग की गई है।
निगरानी तंत्र कमजोर
आईएफयूएमबी के डॉ. पीके श्रीवास्तव ने कहा कि प्रतिबंधित चीनी किट की बेच-खरीद की निगरानी व जांच तंत्र का पता लगाना कठिन है। पर, भारत में इस तरह की किट मिलना गंभीर बात है। इसकी धरपकड़ को लेकर अफसरों को अलर्ट हो जाना चाहिए, ताकि कोख में लड़कियों की हत्या को प्रभावी तरीके से रोका जा सके।
मामला गंभीर है
अभी प्रदेश में इस तरह की किट की बेच-खरीद संबंधी कोई भी जानकारी सामने नहीं आई है। मामला गंभीर है। गर्भस्थ के लिंग का पता लगाना कानून अपराध है।