स्तनपान कराने वाली महिलाओं में गर्भाशय का कैंसर होने का खतरा कम होता है। एक अध्ययन के मुताबिक जो महिलाएं छह महीने तक बच्चों को स्तनपान कराती हैं, उनमें एंडोमेट्रियल कैंसर (गर्भाशय में होने वाला एक प्रकार का कैंसर) होने की आशंका, स्तनपान न कराने वाली महिलाओं की तुलना में 11 फीसदी कम हो जाती है। ब्रिस्बेन (आॅस्ट्रेलिया) के क्यूआईएमआर बर्गहोफर मेडिकल रिसर्च इंस्टिट्यूट के शोधार्थियों की टीम ने 26 हजार से ज्यादा महिलाओं से संबंधित आंकड़ों का विश्लेषण किया। इन महिलाओं में नौ हजार महिलाएं एंडोमेट्रियल कैंसर से ग्रस्त थीं। मुख्य शोध लेखिका सुसेन जॉर्डन के मुताबिक विश्लेषण के दौरान प्रमुख रूप से दो चीजों पर गौर किया गया।
पहली, कितनी महिलाओं ने अपने बच्चे को स्तनपान कराया? दूसरी चीज, स्तनपान कितने दिनों तक कराया गया? शोध में महिलाओं की उम्र, शिक्षा, बीएमआई (बॉडी मास इंडेक्स), ओरल कॉन्ट्रिसेप्टिव के इस्तेमाल और माहवारी की स्थिति आदि पर भी गौर किया गया, जिनका प्रभाव एंडोमेट्रियल कैंसर की स्थिति पर पड़ सकता है। इंटरनेशनल एजेंसी फॉर रिसर्च आॅन कैंसर के अनुसार एंडोमेट्रियल कैंसर अमेरिका, कनाडा और आॅस्ट्रेलिया जैसे अधिक आय वाले देशों की महिलाओं में आम हो चुका है। यहां की महिलाओं में पाया जाने वाला यह चौथा सबसे आम कैंसर है।
गर्भाशय का कैंसर काफी आम होता जा रहा है। हमें इसे रोकने के लिए कोशिश करने की जरूरत है। जितनी ज्यादा महिलाएं इसके खतरे को कम करने वाली चीजों के बारे में जानेंगी, उतना ही अच्छा होगा। स्तनपान को अब तक स्तन कैंसर के खतरे को कम करने से जोड़कर देखा गया है। ऐसे में हमारा शोध स्तनपान कराने वाली महिलाओं की सेहत को होने वाले एक और फायदे को प्रमाणित करता है।