गर्भावस्था के दौरान और बाद में खानपान में बहुत फर्क होता है। पहले औरतों को गर्म चीजें खाने से मना किया जाता है, वहीं बच्चे को जन्म देने के बाद ठंडी चीजें खाना मना होता है। ज्यादातर लोग बच्चों के जन्म के बाद मां को देसी घी खाने की सलाह देते हैं। घी में वेजिटेबल आॅयल से ज्यादा पोषक तत्व होते हैं जो शरीर में आई कमजोरी को दूर करने का काम करते हैं, लेकिन जरूरत से ज्यादा इसका सेवन करने से नुकसान भी हो सकता है।
नार्मल डिलीवरी में तो डॉक्टर भी देसी घी खाने की सलाह देते हैं, लेकिन सी सैक्शन डिलीवरी में इसका परहेज करना चाहिए। आपकी भी नॉर्मल डिलीवरी है तो इस बात का जरूर ध्यान रखें कि बच्चे को जन्म देने के बाद अगर डाइट में घी को शामिल कर रही हैं तो इसे जरूरत के अनुसार ही खाएं।
पोषक तत्वों से भरपूर
बच्चे को जन्म देने के बाद शरीर में बहुत कमजोरी आ जाती है। इसके लिए हड्डियों को पर्याप्त ग्रीस की जरूरत होती है। जोड़ों में आई चिकनाई की कमी को पूरा करने के लिए घी का सेवन बहुत जरूरी है।
माइग्रेन का दर्द दूर
कुछ औरतों को सिर दर्द की परेशानी होती है। प्रेग्नेंसी के बाद देसी घी का सेवन करने से माइग्रेन की परेशानी दूर हो जाती है।
कमजोरी करें दूर
गर्भावस्था के समय शरीर में बहुत से बदलाव आ जाते हैं। बच्चे को जन्म देने के बाद अगर खान-पान का ख्याल न रखा जाए तो यह कमजोरी कभी दूर नहीं होती।
बच्चे के लिए भी फायदेमंद
बच्चा जब मां का दूध पीता है तो मां की डाइट के पोषक तत्व बच्चे को भी मिलते हैं। घी को डाइट में शामिल करने से बच्चे की सेहत भी अच्छी रहती है।
पाचन के लिए लाभकारी
देसी घी खाने से पेट की परत पर आई सूजन खत्म हो जाती है। डिलीवरी के कारण पेट की परेशानियों को दूर करने में घी बहुत फायदेमंद है।
घी की मालिश भी है जरूरी
घी के साथ बच्चे और मां की मालिश करने से दर्द से राहत मिलती है। स्किन से जुड़ी परेशानियां दूर हो जाती हैं और बच्चे की सेहत के लिए यह लाभदायक भी है।