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Health

जानिए ऊँ' के उच्चारण से कैसे हो सकता है थायराइड का इलाज!

By Dabangdunia News Service | Publish Date: Apr 9 2017 2:53PM | Updated Date: Apr 9 2017 2:53PM
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नई दिल्ली। तीन अक्षरों से बने 'ॐ' के उच्चारण से मन शांत और रोग का शमन होता है।  'ॐ' में के पहले  अक्षर 'अ' का अर्थ है आर्विभाव या उत्पन्न होना, 'उ' का का मतलब है उठना, उड़ना या विकास और 'म' का मतलब है मौन हो जाना अर्थात् 'ब्रह्मलीन' हो जाना।  गोपथ ब्राह्मण में लिखा है कि "कुश" के आसन पर पूर्व की ओर मुख कर एक हज़ार बार 'ॐ' मंत्र का जाप करने से कार्य सिद्ध हो जाते हैं। इस मंत्र के जप से तमाम रोग भी खत्म हो जाते हैं। 

ऐसे होगा इलाज-
- थायरॉयड - ओम का उच्चारण करने से गले में कपंन पैदा होती है, जो थायरॉयड ग्रंथि पर सकारात्मक प्रभाव डालता है।
- घबराहट - अगर आपको घबराहट या अधीरता होती है, तो ओम के उच्चारण से उत्तम कुछ भी नहीं है।
- तनाव - यह शरीर के विषैले तत्वों को दूर करता है, यानि तनाव के कारण पैदा होने वाले द्रव्यों पर नियंत्रण करता है।
- खून का प्रवाह - यह ह्दय और खून के प्रवाह को संतुलित करता है।
- पाचन - ओम के उच्चारण से पाचन शक्ति तेज होती है।
- स्फूर्ति - इससे शरीर में फिर से युवावस्था वाली स्फूर्ति का संचार होता है।
- थकान - थकान से बचाने के लिए इससे उत्तम उपाय और कुछ भी नहीं है। ओम का उच्चारण करने से पूरा शरीर तनाव रहित हो जाता है।
- नींद - नींद न आने की समस्या इससे कुछ ही समय में दूर हो जाती है। रात को सोते समय नींद आने तक मन में इसका जाप करने से निश्चित नींद आ जाती है।
- फेफड़े - कुछ विशेष प्राणायाम के साथ इसे करने से फेफडों में मजबूती आती है।
- रीढ़ की हड्डी - ओम के पहले शब्द का उच्चारण करने से कंपन पैदा होता है। इस कंपन से रीढ की हड्डी प्रभावित होती है और इसकी क्षमता बढ जाती है।
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