संयुक्त राष्ट्र। दुनिया भर में प्रतिदिन निमोनिया और डायरिया से पांच वर्ष से कम उम्र के 800 से अधिक बच्चों की मौत होती है और केवल सही तरीके से हाथ धोकर इन बच्चों की जान बचाई जा सकती है। वैश्विक हस्त प्रक्षालन दिवस (ग्लोबल हैंडवांशिग डे) से एक दिन पहले शुक्रवार को संयुक्त राष्ट्र बाल कोष (यूनिसेफ) की ओर से जारी की गई रिपोर्ट के मुताबिक सुरक्षित पेयजल और स्वच्छता की कमी के करण हर साल दुनिया भर में तीन लाख बच्चों की डायरिया से मौत हो जाती है।
इन मौतों को सही तरीके से हाथ धोकर रोका जा सकता है। यूनिसेफ के 'जल एवं स्वच्छता' के वैश्विक प्रमुख संजय विजेसेकेरा ने कहा हर साल निमोनिया और डायरिया जैसी बीमारियों से 14 लाख बच्चों की मौत हो रही है। बच्चों और उनके परिवारों को हाथ धोने के फायदे के प्रति जागरुक कर के मौतों को काफी कम किया जा सकता है।
उन्होंने कहा शौचालय के इस्तेमाल के बाद और खाना खाने से पहले साबुन से हाथ धोने से डायरिया के मामलों में 40 प्रतिशत तक की कमी आती है। सही तरीके से हाथ धोने से बच्चे में संक्रमण की दर तो कम होती ही है, वे बीमारी से बचने के कारण स्कूल में भी ज्यादा समय दे पाते है। यूनिसेफ के आकड़ों के मुताबिक एक ग्राम मल में सौ अरब बैक्टीरिया होते हैं और वैश्विक स्तर पर पांच में से सिर्फ एक आदमी ही शौचालय के इस्तेमाल के बाद हाथ धोता है। ऐसे में शौच के बाद सही तरीके से हाथ धोने वाले बच्चों में डायरिया का खतरा 40 प्रतिशत तक कम हो जाता है।