गर्मी के मौसम में हवा के गर्म थपेड़ों और बढ़े हुए तापमान से लू लगने का खतरा बढ़ जाता है। इससे बचाव ही इसका उपचार है। खाली पेट न रहें। पानी अधिक पिएं। सिर में टोपी पहनें, कान बंद रखें। ककड़ी, प्याज, मौसंबी, मूली, बरबटी, दही, मठा, पुदीना, चना का उपयोग करें।
क्या-क्या सावधानियां बरते
लू से बचने के लिए शरीर में पानी की कमी न होने दें, स्वच्छ पानी पीएं। रेहड़ी या हैंड पंप के पानी से बचें।
तेज गर्म हवाओं में बाहर जाने से बचें। नंगे बदन और नंगे पैर धूप में न निकलें।
निकलना आवश्यक हो तो पूरे और ढीले कपड़े पहनकर निकलें, ताकि उनमें हवा लगती रहे। सिर ढक कर रखें।
ज्यादा टाइट और गहरे रंग के कपड़े न पहनें।
सूती कपड़े पहनें। सिंथेटिक, नायलॉन और पॉलिएस्टर के कपड़े न पहनें।
खाली पेट बाहर न जाएं और ज्यादा देर भूखे रहने से बचें।
धूप से बचने के लिए छाते का इस्तेमाल करें। इसके अलावा, सिर पर गीला या सादा कपड़ा रखकर चलें।
चश्मा पहनकर बाहर जाएं। चेहरे को कपड़े से ढक लें।
घर से पानी या कोई ठंडा शरबत पीकर निकलें, जैसे आम पना, शिकंजी, खस का शर्बत आदि। साथ में भी पानी लेकर चलें।
बहुत ज्यादा पसीना आया हो तो फौरन ठंडा पानी न पीएं। सादा पानी भी धीरे.धीरे करके पीएं। अच्छा हो कि शिंकजी का सेवन करें। उच्च रक्तचाप के रोगी शिंकजी में सैधा नमक का प्रयोग करें।
रोजाना नहाएं और शरीर को ठंडा रखें।
बाजार से कटे हुए फल न लें।
घर को ठंडा रखने की कोशिश करें। खस के पर्दे, कूलर आदि का इस्तेमाल करें।
वातानुकूलित भवनों और वाहनों में प्रवेश और निकास के समय जल्दी न करें, थोड़ा रुक कर आएं-जाएं।
बुर्जुगों, छोटे बच्चों तथा फेंफड़ो व किडनी के मरीजों को इस मौसम में विशेष रुप से सावधानी रखनी चाहिए क्योंकि इन्हें लू लगने का खतरा अधिक होता है।
लू से बचने के घरेलू नुस्खे
धनिए को पानी में भिगोकर रखें, फिर उसे अच्छी तरह मसलकर तथा छानकर उसमें थोड़ी सी शकर मिलाकर पीने से गरमियों में लू से राहत मिलती है।
मेथी की सूखी पत्तियों को ठंडे पानी में कुछ समय भिगोकर रखें, बाद में उसे हाथ से मसलकर छान लें, इस पानी में थोड़ा सा शहद मिलाकर दो-दो घंटे पर रोगी को पिलाएँ, इससे लू से तुरंत छुटकारा मिलता है।
इमली के बीज को पीसकर उसे पानी में घोलकर कपड़े से छान लें। इस पानी में शकर मिलाकर पीने से लू का शमन होता है।
भुना हुआ आम और प्याज पीसकर लेप करना लाभदायक होता है।