हैल्थ डेस्क। मोबाइल का चलन इतना ज्यादा हो गया है की अब ये बीमारी की वजह बनता जा रहा है और लोगों को लगता है की हम एडवांस हो गए है एक समय था जब मोबाइल एक जरुरत हुआ करता था लेकिन आज-कल मोबाइल रखना मजबूरी हो गई है इसके बिना अब लोग रह नहीं सकते है। लेकिन क्या आप जानते है कि फोन बीमारियों की वजह भी है।
एक ताजा अध्ययन से पता चला है कि मोबाइल फोन का अत्यधिक इस्तेमाल करने से कोशिकाओं में एक तरह का तनाव पैदा होता है, जो कोशिकीय एवं अनुवांशिक उत्परिवर्तन से संबद्ध है तथा इसके कारण कैंसर का खतरा पैदा हो जाता है।
अध्ययन के मुताबिक मोबाइल फोन के इस्तेमाल से कोशिकाओं में उत्पन्न होने वाला विशेष तनाव (ऑक्सिडेटिव स्ट्रेस) डीएनए सहित मानव कोशिका के सभी अवयवों को नष्ट कर देता है। ऐसा विषाक्त पराक्साइड एवं स्वतंत्र कणों के विकसित होने के कारण होता है।
लगातार कई घंटें तक फोन का प्रयोग सेहत पर उल्टा प्रभाव डालता है। एक शोध में पता चला है कि 20 से 24 साल के बच्चों में तनाव और नींद ना आने की समस्या बहुत ज्यादा फोन के प्रयोग की वजह से है।
मोबाइल फोन और मोबाइल टॉवर से निकलने वाला रेडिएशन सेहत के लिए खतरा भी साबित हो सकता है। लेकिन कुछ सावधानियां बरती जाएं, तो मोबाइल रेडिएशन से होने वाले खतरों से काफी हद तक बचा जा सकता है।
माइक्रोवेव रेडिएशन उन इलेक्ट्रोमैग्नेटिक वेव्स के कारण होता है, जिनकी फ्रीक्वेंसी 1000 से 3000 मेगाहर्ट्ज होती है। माइक्रोवेव अवन, एसी, वायरलेस कंप्यूटर, कॉर्डलेस फोन और दूसरे वायरलेस डिवाइस भी रेडिएशन पैदा करते हैं।
लेकिन लगातार बढ़ते इस्तेमाल, शरीर से नजदीकी और बढ़ती संख्या की वजह से मोबाइल रेडिएशन सबसे खतरनाक साबित हो सकता है।
कम सिग्नल भी घातक
अगर सिग्नल कम आ रहे हों तो मोबाइल का इस्तेमाल न करें क्योंकि इस दौरान रेडिएशन ज्यादा होता है। पूरे सिग्नल आने पर ही मोबाइल यूज करना चाहिए। मोबाइल का इस्तेमाल खिड़की या दरवाजे के पास खड़े होकर या खुले में करना बेहतर है क्योंकि इससे तरंगों को बाहर निकलने का रास्ता मिल जाता है।
ब्लूटुथ से नुकसान
अगर हम ब्लूटुथ का इस्तेमाल करते हैं तो हमारे शरीर में रेडिएशन थोड़ा ज्यादा अब्जॉर्ब होगा। अगर ब्लूटुथ ऑन करेंगे तो 10 मिली वाट पावर अडिशनल निकलेगी। मोबाइल से निकलने वाली पावर के साथ-साथ शरीर इसे भी अब्जॉर्ब करेगा। ऐसे में जरूरी है कि ब्लूटुथ पर बात करते हैं तो मोबाइल को अपने शरीर से दूर रखें। एक फुट की दूरी हो तो अच्छा है।