हमें कितनी मात्रा में पानी पीना चाहिए ये हमेशा चर्च का विषय बना रहता है और इसमें लोगों की राय अलग अलग रही है। पानी पीने की मात्रा को लेकर अक्सर कई शोध भी होते रहते है। गर्मी में पानी शरीर के तापमान को समान्य बनाए रखता है। पानी चिकित्सा का जरिया है इससे रोग और संक्रमण से बचवा होता है।
हालांकि विशेषज्ञों का सुक्षाव है कि हमें अपने पानी के सेवन को ध्यान में रखना चाहिए। जब प्यास लगे तब पानी पीना स्वभाविक है लेकिन जब शरीर को पानी की जरूरत नहीं होती और हम पानी पीते है तो यह शरीर में मजूद तरल पदार्थो के संतुलन को बिगाड़ता है।
घूंट-घूंट कर पीएं
उमस भरे मौसम में गला सूखता और प्यास लगती है। हालांकि यह समझना चाहिए की यह बस एक एहसास है। हो सकता है कि हमारा शरीर पूरी तरह से हाइड्रेट हो और पानी पीने की इच्छा मौसम की वजह से हो। पोषण विशेषज्ञ रश्मि सोमानी कहते हैं, गर्मियों में गला सूखाना और हमेश प्यास जैसा लगना आम बात है। लेकिन इसका ये मतलब नहीं की आपके शरीर को पानी की जरूरत हो। ऐसे में एक मंत्र अपना कर पानी को घूंट घूंट में पीएं। जब ऐसा लगे तो बस एक घूंट पानी पीएं ऐसे में शरीर में पानी की मात्र को संतुलित किया जा सकता है।
किडनी पर असर
जब आप अधिक मात्रा में पानी पीते है तो शरीर पर अत्यधिक दबाव पड़ता है। ऐसे में किडनी को समान्य से ज्यादा काम करना पड़ता जो कि किडनी के लिए नुकसानदायक हो सकता है। आमतौर पर सही मात्रा में पानी पीने से किडनी को काम करने में आसानी होती है और इस पर कम दबाव पड़ता है। इसलिए जरूरत से ज्यादा पानी नहीं पीना चाहिए।
दिल पर दबाव
अगर आप शरीर की आवश्यकता से अधिक पानी पीते है तो इसका प्रभाव आपके दिल पर भी पड़ता है। इससे रक्त की मात्रा बढ़ जाती है और रक्त धमनियों पर दबाव पड़ता है।
इसलिए आपको हमेश ध्यान देना चाहिए कि कहीं आप शरीर की जरूरत से ज्यादा पानी का सेवन तो नहीं कर रहें है। दिनभर में कम से कम 8 ग्लास पानी आपके शरीर के लिए काफी होता है। इसे से ज्यादा पानी आपके शरीर को नुकसार पहुंचा सकता हैं।