29 Mar 2024, 13:02:18 के समाचार About us Android App Advertisement Contact us app facebook twitter android
Health

गर्मियों के मौसम में ये बचाव है जरूरी

By Dabangdunia News Service | Publish Date: Apr 12 2015 2:13PM | Updated Date: Apr 12 2015 4:13PM
  • facebook
  • twitter
  • googleplus
  • linkedin

मौसम बदलने के साथ बीमारियां भी दस्तक देने लगती हैं, खासकर गर्मी के मौसम में डीहाइड्रेशन के कारण पेट संबंधित कई बीमारियां होने लगती हैं और त्वचा पर भी इसका प्रभाव पड़ता है, इसलिए गर्मी की दस्तक के साथ ही इनसे बचाव के नुस्खे जरूर आजमाएं। गर्मी का मौसम आते ही बीमारियों का खतरा भी बढ़ जाता है।
 
इन बीमारियों का संबध हमारे खाने पीने की आदतों से जुड़ा हुआ है। गर्मियों में नमी बढ़ जाती है जिस कारण वातावरण में अनेकों प्रकार के संक्रमण बड़ी तेजी के साथ फैलने लगते हैं। ऐसे मौसम में अगर आप थोड़ी सी लापरवाही बरतेंगे तो आपको यकीनन कोई न कोई समस्या घेर लेगी। आइए जानते हैं गर्मियों के मौसम में कौन सी स्वास्थ्य समस्याएं आम होती हैं।
 
हीट स्ट्रोक
हीट स्ट्रोक तेज गर्मी की वजह से होने वाली आम समस्या है। इसमें इंसान की जान भी जा सकती है। तेज धूप और गर्मी में  चक्कर आने लगना, उल्टी के लक्षण होना, रक्तचाप एकाएक कम हो जाना, तेज बुखार होना आदि हीट स्ट्रोक के लक्षण है। इस बीमारी से बचने के लिए कड़ी धूप में निकलने से पहले सिर को ढंक लें, ढीले कपड़े पहने और ढेर सारा पानी पियें।
 
त्वचा पर हो सकती है टैनिंग
जब हम सूरज की अल्ट्रावॉयलेट किरणों के संपर्क में आते हैं, तब त्वचा का मेलेनिन एक सुरक्षात्मक कवर बनाता है। इन मेलेनिन की वजह से ही गहरे धब्बे उभरते हैं। इस स्थिति को हम स्किन डार्केनिंग, टैनिंग अथवा हाइपर पिगमेंटेशन कहते हैं। इस समस्या से बचाव के लिए हर समय 30 एसपीएफ वाला सनस्क्रीन लगाना और इसे बार-बार लगाते रहना जरूरी होता है।
 
 
पानी की कमी यानि डीहाइड्रेशन
डीहाइड्रेशन का असर सिर्फ आपकी बॉडी को नहीं, बल्कि आपकी स्किन को भी झेलना पड़ता है। लगातार पसीना आने से हमारे शरीर में पानी की कमी होती रहती है। इसकी पूर्ति के लिए अगर पर्याप्त मात्रा में पानी न लिया जाए तो त्वचा रूखी, बेजान, इरिटेटेड और सनबर्न की चपेट में आने के अनुकूल बन जाएगी। ऐसी स्थिति में आपके होंठ फटने लगेंगे और जगहज गह रूखे चकत्ते उभर सकते हैं। इससे बचाव के लिए खूब सारा पानी पीते रहें। हर समय अपने साथ पानी की एक बोतल रखें। हर आधे घंटे में एक बार पानी जरूर पिएं। आप फलों का ताजा रस भी पी सकते हैं।
 
त्वचा पर अधिक होते हैं चकत्ते
गर्मियों में धूल-मिट्टी हमारे रोमछिद्रों में घुसकर इसमें रूकावट डालती है, ऐसे में पसीना सही ढंग से बाहर नहीं निकल पाता है और त्वचा पर खुजली वाले चकत्ते, छाले या कील-मुहांसे हो जाते हैं। कपड़ों की रगड़ से त्वचा की हालत और खराब हो सकती है। अगर आपको ज्यादा पसीना आता है तो अपने आपको साफ रखकर इस समस्या से बचा सकते हैं। दिन में दो बार नहाएं। खासतौर से रात के समय जरूर नहाएं।
 
 
पीलिया की समस्या होती है अधिक
पीलिया को हैपेटाइटिस या जॉइन्डिस कहते हैं। यह रोग वाइरस से होता है। इस रोग में रोगी की आंखें व नाखून पीले दिखाई देने लगते हैं और पेशाब भी पीले रंग की होने लगती है। यह रोग गंदे पानी और खाने से फैलता है। इसलिए गर्मी में गंदे पानी और दूषित खाने से बचें।
 
 
फूड पॉइजनिंग
गंदा पानी और बाहर का खुला या गंदा खाने से पेट में संक्रमण और फूड प्वाइजनिंग होने का खतरा अधिक रहता है। अगर फूड प्वाइजनिंग ज्यादा हो गई तो रोगी को डायरिया और उल्टी होने लगेगी। इससे जान भी जा सकती है। इसलिए फूड  पॉइजनिंग को गंभीरता से लेना चाहिए।
 
 
बैक्टीरियल इन्फेक्शन
गर्मी का मौसम बहुत तरह के बैक्टीरिया और वायरस के लिए अनुकूल होता है। बैक्टीरिया हर जगह होते हैं और आप इन्हें देख भी नहीं सकते। जो लोग पब्लिक टांसपोर्ट का इस्तेमाल करते हैं और भीड़भाड़ वाली जगहों पर जाते हैं, उन्हें बैक्टीरियल संक्रमण का खतरा काफी ज्यादा होता है। यहां तक कि बस की सीट या खिड़कियां, जिन्हें आप हाथ लगाते हैं, पर भी बैक्टीरिया जमे हो सकते हैं। यही हाथ अगर हम अपने चेहरे पर लगाते हैं तो संक्रमण की चपेट में आ सकते हैं।
  • facebook
  • twitter
  • googleplus
  • linkedin

More News »