दिन में कई बार आप नीचे गिरी चीजें, चप्पल और जूते ढ़ूढने तथा फर्श पर पड़े बच्चों के मैले कपड़े आदि उठाने के लिए झुकती हैं। अब से नियम बना लें कि जब कभी आप इस प्रकार की स्थिति में कोई वस्तु नीचे से उठाएं तो इतना करें कि पेट को अंदर की ओर कर तथा घुटनों को सीधे रख कर ही उस चीज को उठाएं।
कई बार तो छोटे बच्चे कभी माचिस की पूरी डिबिया की तीलियां फर्श पर बिखेर देते हैं या कभी कलर पैंसिल गिरा देते हैं, उन पर झल्लाने की अपेक्षा पेट को अंदर कर और घुटनों को सीधा रख कर एक-एक तीली या पैंसिल उठा कर डिबिया में डालती जाएं, इससे आपको झुक कर अंगूठा छूने वाले व्यायाम का लाभ बिना अतिरिक्त समय निकाले ही मिल जाएगा।
यदि आपकी बांहें थोड़ी मोटी हैं, जो आपको देखने में भली नहीं लगतीं और डॉक्टर या योगा एक्सपर्ट के पास जाने का समय नहीं है, तो बस इतना करें कि अपने गीले कपड़े सुखाने वाली तारों को जरा और ऊंचा करके बांध दें। हर रोज कपड़े फैलाते हुए आपकी बांहें अधिक खिंचाव पाएंगी और आपकी बांहें सुडौल हो जाएंगी।
सप्ताह में एक बार घर के जाले साफ करें, किंतु स्टिक छोटी ही रखें, इससे आपको पांवों के बल थोड़ा ऊंचा उठते हुए जाले साफ करने पड़ेंगे। इससे भी बांहों और पोस्चर की एक्सरसाइज हो जाएगी।
इसी प्रकार जब झाड़ू-पोंछा करें तो पांवों के बल बैठ कर करें, इससे पेट स्वाभाविक रूप से अंदर चला जाएगा तथा आप एक बार फिर सुडौल काया पा सकेंगी।
दिन में एक-आध बार हम कभी धुले कपड़े उठा कर अंदर लाते हैं तो कभी मैगजीन एवं न्यूज पेपर उठा कर एक जगह से दूसरी जगह पर रखते हैं। कभी-कभार उसे सिर पर रख कर बिना सहारे के चलते हुए सामान को एक जगह से दूसरी जगह शिफ्ट करें। इससे आपकी चाल में नैचुरली लचक पैदा होगी।