सुदर्शन पौधे का आयुर्वेद में बुखार, सूजन, विषाक्ता और त्वचा से जुड़े रोगों को इलाज में किया जाता है। इसमें एंटीओक्सिडेंट्स, एंटी माइक्रोबियल, एंथेलमिंटिक गुण होते हैं। इसके अलावा इस पौधे में रिझोम, ग्लुकैन, अल्कोलोइड्स, जिलामाइन, क्रिनोफोलाइन, क्रिनोफोलीडाइन, जैसे कई केमिकल्स तत्व पाए जाते हैं।
इस पौधे का पाउडर, पेस्ट और रस के रूप में इस्तेमाल किया जाता है। चलिए जानते हैं कि इससे आपको और क्या-क्या फायदे होते हैं।
सूजन करता है कम- सूजन, चोट, मोच, दर्द, जलन आदमी सुदर्शन के पत्तों को गर्म करके बांधने से बहुत आराम मिलता है पता फायदा भी होता है।
दर्द से राहत- इस पौधे का फूल बड़ा, सुन्दर, सफेद व सुगन्धित होता है। इसकी पत्तियों में वेदना हरने का अचूक गुण विद्यमान है, कहीं भी दर्द होने पर उस स्थान पर इसे पीस कर बांध देने से जल्द ही पर्याप्त राहत मिल जाती है।
कान की सफाई- सुदर्शन के कुछ पत्तों को तेल में पकायें और जब खूब पक जाए तो छानकर शीशी में भरें। इसे नियमित रूप से कान में डालने से कान की सफाई होती है। इसमें तिल का तेल डालकर इस्तेमाल करने से कान की पीड़ा भी शांत होती है।
बुखार के मामले में- सुदर्शन का पाउडर भी बाजार में उपलब्ध होता है। 2 से 3 ग्राम पाउडर को शहद और गर्म पानी में मिलाकर लेने से जोड़ों के दर्द और बुखार से राहत पाई जा सकती है।
फंगल इन्फेक्शन और खुजली- खुजली और फंगल इन्फेक्शन से बचने के लिए आप सुदर्शन पौधे के पत्तों का पेस्ट बनाकर प्रभावित हिस्से पर लगा सकते हैं।