महुआ एक ऐसा पेड़ है, जो ज्यादातर उत्तर भारत में पाया जाता है। स्थानीय लोग महुए का इस्तेमाल अलग-अलग तरीके से करते हैं। महुआ प्रोटीन, कैल्शियम, फास्फोरस और वसा का एक बहुत अच्छा स्रोत होता है, जिसका संतुलित मात्रा में सेवन हमारे शरीर के लिए बहुत फायदेमंद है। इसके अलावा महुआ का इस्तेमाल चिकित्सा, साबुन, डिटर्जेंट और त्वचा की देखभाल आदि के लिए भी किया जाता है।
बवासीर की बीमारी में- महुआ का फूल बवासीर में भी फायदेमंद हैं। महुआ के फूलों को घी में भूनें और रोगी को इसे नियमित रूप से खिलाएं।
गठिया के रोगियों- महुआ की छाल अल्सर और गठिया जैसी बीमारियों में भी कारगर है। इसके लिए आप महुआ की छाल का काढ़ा बनाकर नियमित रूप से इसका सेवन करें। कुछ दिनों तक लगातार इस्तेमाल से आपको महसूस होने लगेगा।
डायबिटीज के रोगियों- जो लोग डायबिटीज जैसी गंभीर बीमारी से पीड़ित है और उनके लिए महुआ एक कारगर औषधि के समान है। इस बीमारी में महुआ की छाल से बना काढ़ा पीना काफी लाभदायक होता है। इसके औषधीय गुण ब्लड में शुगर के लेवल को कंट्रोल करने में शरीर की मदद करते हैं।