हाइपरटेंशन, ब्रेन स्ट्रोक, कोलेस्ट्रॉल, फैटी लिवर, डायबिटीज और बुखार जैसी बीमारियों से अब आपको रसोई के मसालें बचाएंगे। बस इसमें अन्य औषधीय पौधों का समावेश किया जाएगा, जो आपकी सेहत को बिगड़ने नहीं देंगे। उत्पादन और प्रसंस्कण में बदलाव की तैयारी कर ली गई है। चन्द्रशेखर आजाद कृषि एवं प्रौद्योगिकी (सीएसए) विवि के वैज्ञानिक इस मुहिम को दुनिया में फैलाएंगे।
संस्थान के वैज्ञानिक ऐसे मेडिकेटेड मसालों को तैयार करने के लिए विभिन्न देशों को एकजुट करने की मुहिम में हैं। उनका मानना है कि इस पहल से न सिर्फ लोग फिट रहेंगे, बल्कि मसाला उत्पादक देशों की अर्थव्यवस्था में सकारात्मक प्रभाव भी पड़ेगा। विवि के संयुक्त निदेशक शोध डॉ. डीपी सिंह का कहना है कि भारत में पाए जाने वाले 95 फीसदी मसालों में औषधीय गुण मिल रहे हैं। अगर उसमें अन्य औषधीय पौधों का मिश्रण कर दिया जाए तो प्राकृतिक रूप से होने वाली बीमारियों से लोगों को बचाया जा सकता है। औषधीय गुणों वाले मसालों की खेती के लिए किसानों को प्रोत्साहित किया जाएगा।