करी पत्ता रक्त में एचडीएल यानी अच्छे कोलेस्ट्रॉल की मात्रा बढ़ाकर कोलेस्ट्रॉल के स्तर को संतुलित बनाए रखता है। यह दिल से जुड़ी बीमारियों से दूर रहने में मदद करता है। इसलिए अपने भोजन में करी पत्ता को नियमित रूप से शामिल करना चाहिए। भारतीय व्यंजनों में इस्तेमाल किए जाने वाले मसालों में करी पत्ता या मीठा नीम भी प्रमुख है, जो खाने में स्वाद और खुशबू का तड़का ही नहीं लगाता, बल्कि अपनी औषधीय खूबियों के कारण स्वास्थ्यप्रद भी है। इनके फायदों के बारे रजनी अरोड़ा बताती हैं कि भारतीय व्यंजनों में इस्तेमाल किए जाने वाले मसालों में करी पत्ता या मीठा नीम भी प्रमुख है, जो खाने में स्वाद और खुशबू का तड़का ही नहीं लगाता, बल्कि अपनी औषधीय खूबियों के कारण स्वास्थ्यप्रद भी है। करी पत्या या मीठा नीम एनीमिया से बचाव आयरन और फोलिक एसिड से भरपूर होता है और कई बीमारियों से बचाव में कारगर है। इसके लिए सुबह के समय खाली पेट दो-तीन करी पत्ते खजूर के साथ खाना चाहिए। इससे शरीर में आयरन का स्तर बेहतर होगा और एनीमिया की आशंका कम होगी।
एनीमिया से बचाव
आयरन और फोलिक एसिड से भरपूर करी पत्ता एनीमिया से बचाव में कारगर है। इसके लिए सुबह के समय खाली पेट दो-तीन करी पत्ते खजूर के साथ खाना चाहिए। इससे शरीर में आयरन का स्तर बेहतर होगा और एनीमिया की आशंका कम होगी। लिवर के लिए भी करी पत्ता काफी फायदेमंद है। खान-पान की गलत आदतों और अल्कोहल के अधिक सेवन से कमजोर पड़े लिवर को मजबूती प्रदान करता है। इसमें मौजूद विटामिन ए और विटामिन सी लिवर को सुचारु रूप से चलाने में दवा का काम करते हैं। बैक्टीरिया रोधी और सूजन रोधी गुणों से भरपूर करी पत्ता पेट से जुड़ी समस्याओं को दूर करता है। इसमें मौजूद कार्मिनटिव तत्व कब्ज दूर करता है, तो कार्बोजील दस्त या डायरिया में राहत देता है। आठ-दस करी पत्तों को पीस कर उनका रस निकाल लें। उसे छाछ में मिलाकर दिन में दो-तीन बार पिएं। अपच में राहत बैक्टीरिया रोधी गुणों से भरपूर करी पत्ता अपच से राहत दिलाने में असरदार है। इसके लिए घी को गर्म कर उसमें सात-आठ करी पत्ता, थोड़ा-सा जीरा, डेढ़ चम्मच सोंठ, शहद और पानी मिलाकर उबाल लें। फिर उसे ठंडा करने के बाद पिएं।