ग्लूटन एक प्रकार का ऐसा केमिकल होता है जो कि हमारे रोज़ के खाने वाले अनाजों मे पाया जाता है और आपको बता दें कि लोगों को अक्सर इस बारे में पता नहीं चल पता की वो ग्लूटन इन्टॉलरेंट हैं और अक्सर उन्हें इसके कारण कई समस्याओं का सामना करना पड़ता है।
ग्लूटन उन सभी अनाजों में पाया जाता है जिससे पास्ता और नूडल्स जैसी चीज़ें बानी होती हैं और साथ ही ग्लूटन गेहूं में भी पाया जाता है। जो लोग वजन कम करना चाहते हैं उन्हें ग्लूटन वाले पदार्थों का सेवन नहीं करना चाहिए और जो लोग ग्लूटन इन्टॉलरेंट होते हैं उन्हें एलर्जी जैसी समस्या हो सकती है।
आपको बता दें की इसका सबसे पहले संकेत यही है कि अचानक से आपका वज़न बढ़ने लगे| जिन लोगों को यह समस्या होती है उनका खाना शरीर में जाकर पचता नहीं और इसके कारण उनके शरीर में गई हुई कैलोरी ऊर्जा में नहीं बदल पाती और उनका सारा भोजन फैट में बदल जाता है जिससे उनका वजन बढ़ने लगता है।
वजन बढ़ने के साथ साथ अगर आप ग्लूटन इन्टॉलरेंट हैं तो आपके इम्यून सिस्टम पर भी बुरा प्रभाव पड़ सकता है| और इम्यून सिस्टम पर बुरा प्रभाव पड़ने के जो अच्छे बैक्टीरीया इम्यून सिस्टम को मजबूत बनाते हैं वो कमज़ोर पड़ जाते हैं और फिर हमारा शरीर भी कमज़ोर पड़ने लगता है।
ग्लूटेन इन्टॉलरेंट होने का सबसे ज़्यादा असर जोड़ों पर पड़ता है तो जो भी लोग ग्लूटन इन्टॉलरेंट होते हैं उनके जोड़ों में दर्द होना शुरू हो जाता है और साथ ही आपको बता दें कि ग्लूटेन इन्टॉलरेंट को ओरल समस्या भी हो सकती है क्यूंकि इससे उनके मसूढ़ों के ऊतकों पर बुरा प्रभाव पड़ता है और उनके दांत कमजोर हो जाते हैं। इन संकेतों के बावजूद अगर आप लापरवाही करते हैं तो आपकी त्वचा पर एलर्जी हो सकती है जिसके कारण स्किन रिएक्शन और रैशेज़ हो जाते हैं।
इन सभी संकेतों और लक्षणों से आप जान सकते हैं कि आप ग्लूटेन इन्टॉलरेंट हैं तो आप चाहें तो इस बारे में डॉक्टर से भी सलाह ले सकते हैं और अगर आप ग्लूटेन वाले पदार्थों जैसे गेहूं के आटे का सेवन बंद नहीं कर सकते हैं तो कोशिश करें कि इन चीजों का इस्तेमाल कम से कम करें।