ग्वालियर। प्रदेश की नगरीय विकास एवं आवास मंत्री श्रीमती माया सिंह ने कहा है कि समाज के सामर्थ्यवान व्यक्ति प्रदेश को कुपोषण से मुक्त कराने में आगे आए। उनके नाम मात्र के सहयोग से किसी जरूरतमंद बच्चे को नवजीवन मिल सकता है। उन्होंने यह बात जिला चिकित्सालय मुरार परिसर में आयोजित अटल बाल पालक सम्मेलन में कही। सम्मेलन का आयोजन महिला एवं बाल विकास विभाग और स्वास्थ्य विभाग के संयुक्त तत्वावधान में किया गया। जिसमें पूर्व से चिन्हित 174 बच्चों का विशेष स्वास्थ्य परीक्षण किया गया।
कार्यक्रम में राज्य महिला आयोग की सदस्य श्रीमती प्रमिला वाजपेयी, संभाग आयुक्त एस एन रूपला, कलेक्टर राहुल जैन, जिला पंचायत के मुख्य कार्यपालन अधिकारी नीरज कुमार सिंह, शिशु एवं बाल रोग विशेषज्ञ डॉ. अजय गौड़, डॉ. बांगा, एसडीएम एच बी शर्मा, मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी डॉ. एस एस जादौन, सिविल सर्जन डॉ. गुप्ता, जिला कार्यक्रम अधिकारी महिला एवं बाल विकास राजीव सिंह सहित अन्य विभागीय अधिकारी, आंगनबाड़ी कार्यकर्ता, पर्यवेक्षक और बच्चों के अभिभावक उपस्थित थे। नगरीय विकास मंत्री श्रीमती माया सिंह ने कहा कि जिले को कुपोषण से मुक्त कराने के लिये अटल बाल पालक सम्मेलन का आयोजन जिला प्रशासन की महती पहल है। उन्होंने कहा कि कुपोषण एक सामाजिक समस्या है। इसको सामाजिक सहभागिता के द्वारा ही समाप्त किया जा सकता है। उन्होंने बताया कि महिला एवं बाल विकास मंत्री के कार्यकाल के दौरान कुपोषित बच्चों के लिये उन्होंने सभी जिलों में 12 दिवसीय स्नेह शिविरों का आयोजन किया गया था। जिसके आशाजनक परिणाम प्राप्त हुए थे। इन शिविरों के बाद पूरे प्रदेश में 18 दिन का फोलोअप कार्यक्रम भी आयोजित किया गया।
इसी प्रकार उनके प्रभार वाले दतिया जिले में प्रशासनिक अधिकारियों और सामाजिक लोगों द्वारा भी कुपोषित बच्चों को गोद लेने की पहल की गई थी, जो काफी कारगर रही है। उन्होंने ग्वालियर जिला प्रशासन द्वारा भी इसी प्रकार के आयोजन के लिये सराहना की। इससे पूर्व उन्होंने सम्मेलन में आंगनबाड़ी कार्यकतार्ओं द्वारा बनाए गए पौष्टिक भोजन सामग्री का अवलोकन भी किया।
संभाग आयुक्त एस एन रूपला ने कहा कि बच्चों और माताओं के स्वास्थ्य लाभ के लिये राज्य सरकार द्वारा अनेक योजनायें संचालित की जा रही हैं। सरकार बड़े स्तर पर इन योजनाओं के लिये धनराशि स्वास्थ्य और महिला-बाल विकास विभाग को मुहैया करा रहा है। उन्होंने इन योजनाओं के सही ढंग से क्रियान्वयन की आवश्यकता बतलाई और कहा कि अभिभावकों को कुपोषण और बच्चों की बीमारियों के संबंध में शिक्षित किया जाना आवश्यक है। उन्होंने अटल बाल पालक सम्मेलन की पहल को मील का पत्थर बताया और कहा कि सामाजिक सरोकार से जुड़े लोग आगे आएँ। जरूरतमंद बच्चों की मदद करें, इससे उन्हें आत्मिक खुशी मिलेगी। इससे पूर्व कलेक्टर राहुल जैन ने अटल बाल पालक सम्मेलन की सम्पूर्ण अवधारणा पर विस्तृत प्रकाश डाला और आंगनबाड़ी कार्यकतार्ओं और पर्यवेक्षकों से आशा की कि वे सही रिपोर्टिंग करेंगे, जिससे शासन और प्रशासन आसानी से जरूरतमंद बच्चों को चयनित कर सकेगा। इसके लिये जिला प्रशासन द्वारा अटल बाल पालक कार्ड भी डिजाइन किया गया है। कार्ड में दर्ज मोबाइल नम्बर पर बच्चे के माता-पिता को उसके वजन के बारे में प्रति सप्ताह एसएमएस भी उपलब्ध कराया जायेगा। इस अवसर पर राज्य महिला आयोग की सदस्य श्रीमती प्रमिला वाजपेयी ने भी अपने विचार व्यक्त किए।
अटल बाल पालक वेबसाइट का लोकार्पण
सम्मेलन में श्रीमती माया सिंह द्वारा कलेक्टर राहुल जैन के निर्देशन में बनाई गई वेबसाइट का लोकार्पण किया गया। इस वेबसाइट पर जिले में कुपोषण की श्रेणी में दर्ज सभी बच्चों की विस्तृत जानकारी उपलब्ध कराई गई है। साथ ही यह व्यवस्था भी दी गई है कि कोई भी व्यक्ति इन दर्ज बच्चों में से किसी भी बच्चे की जिम्मेदारी उठा सकता है, उसे वेबसाइट में अपना सम्पूर्ण विवरण प्रस्तुत करना होगा।
4 वर्षीय वंशिका की जिम्मेदारी अब उठायेंगे कलेक्टर
जिले को कुपोषण से मुक्ति दिलाने के लिये जिला प्रशासन द्वारा की जा रही पहल में पहली जिम्मेदारी कलेक्टर राहुल जैन ने स्वयं उठाई है। उन्होंने सम्मेलन में आई 4 वर्षीय कु. वंशिका पुत्री संजीव सेंगर की देखरेख और कुपोषण से मुक्ति दिलाने के लिये स्वयं मॉनीटरिंग करेंगे।