20 Apr 2024, 17:23:07 के समाचार About us Android App Advertisement Contact us app facebook twitter android

-वीना नागपाल

फिल्मी दुनिया बहुत चकाचौंधभरी है। ऐसा लगता है कि इस दुनिया में केवल रोशनी से भरे दिन होते हैं और चमकती हुई रातें होती हैं। पैसा बेहिसाब है और उसके साथ जुड़ी मौज-मस्ती के अतिरिक्त और क्या हो सकता है असीमित प्रचार है, उनकी बातें हैं और उनसे जुड़ी घटनाओं से समाचार पत्रों के पृष्ठ रंगे जाते हैं। बहुत आकर्षित करती है यह दुनिया!

ऐसा भी लगता है कि फिल्मी दुनिया की चर्चित अभिनेत्री को सामाजिक सरोकारों से क्या लेना-देना? वह तो अपने फोटोशूट और अपनी फिल्म की शूटिंग में व्यस्त रही हैं। उनके पास तो सोचने का समय ही नहीं है कि उनकी दुनिया के बाहर रहने वाली आम महिलाओं व युवतियों तथा किशोरियों को कितनी विषम परिस्थितियों में जीना और रहना पड़ता है। घर से बाहर निकलते ही सड़क और रास्ते उसके लिए कितनी आफतभरे और असुरक्षित होते हैं। कोई उनका पीछा कर उन्हें परेशान करने लगता है तो कोई आगे बढ़कर उन पर फिकरे कसता है, जिनमें वह वाक्य और शब्द शामिल होते हैं जो उन्हें भीतर तक आहत कर देते हैं। इतना ही नहीं बल्कि कुछ तो दुस्साहसी होकर उसे झपटने तक को तैयार हो जाते हैं। इन फिल्मी दुनिया की हीरोइंस को क्या पता कि दुर्व्यवहार और जोर-जबरदस्ती क्या होती है। जब आम लड़की इन हादसों से गुजरती है तो उसका कितना अपमान होता है। रोज-रोज इस तरह आशंका में जीना आसान नहीं है। अपने ही पड़ोस में रहने वाले या किसी परिचित की आंखों से निकलते असम्मान के भावों को देखना और महसूस करना कितना दुश्वार होता है। कोई तेजाब डालने की धमकी देता है तो कोई उसका अपहरण करने की बात कहकर आते-जाते रोज ही उसे डराता है। जब कभी उनके साथ दुर्दांत घटना हो जाती है और उसका समाचार समाचार पत्रों में प्रकाशन होता है तथा टीवी चैनल्स पर बार-बार दिखाया जाता है तो उन्हें कैसा महसूस होता होगा? क्या उसकी पीड़ा का अहसास तथा यह कल्पना यह अभिनेत्रियां अपनी जगमगती दुनिया में रहकर करती होंगी?

बंगलुरु में नए वर्ष  मनाते समय युवितयों के साथ जो कुछ अशोभनीय हुआ उसकी जितनी निंदा की जाए उतनी कम हैं। परंतु जिन्हें हम सब इन सरोकारों से दूर समझते हैं उन फिल्मी नायिकाओं ने भी इसकी खुलकर भर्त्सना की। सभी लोकप्रिय अभिनेत्रियों ने जिनके नाम आज सबकी जुबान पर हैं- प्रियंका चोपड़ा, दीपिका पादुकोण, आलिया भट्ट, जूही चावला, तापसी पन्नू सहित अन्य अभिनेत्रियां जिनकी लिस्ट बहुत लंबी है, ने बहुत तीखे शब्दों में इस दुर्घटना की निंदा की है। उन सबने खुलकर युवतियों के पक्ष में बोला है। एक के बाद एक उनके आने वाले बयानों में जो कुछ कहा गया है (हर एक का वाक्य या ट्विट तो बताया नहीं जा सकता) उससे स्पष्ट है कि वह युवतियों के आत्मसम्मान के पूरी तरह पक्ष में हैं। यह सभी युवा अभिनेत्रियां अपनी पूर्व की अभिनेत्रियों से कितनी अलग हैं जो केवल निरंतर आंसू बहाने और महिलाओं के हिस्से में आए त्याग और परिवार के लिए किए जाने वाले बलिदान को ही मूर्त रूप में पर्दे पर उतारती थीं।

आज के युग व समय की यह युवा अभिनेत्रियां महिलाओं के अधिकारों और उनकी स्वतंत्रता का खुलकर समर्थन करती हैं और उसके लिए खुलकर बयान भी देती हैं। शायद यह सोच हो कि उनकी इस बात का क्या महत्व हो सकता है? इसका उत्तर यही है कि जन-जन तक इनकी पैठ है, यह तो कुछ भी कहेंगी उससे समाज का बहुत बड़ा वर्ग विशेषकर युवा प्रभावित होंगे और उनकी कही बात को समझेंगे। इन फिल्मी अभिनेत्रियों का महिलाओं के हितों के लिए दिए गए व्यक्तव्य न केवल उनकी सामाजिक सरोकारों के प्रति चिंता दर्शातें हैं बल्कि उनकी यह सोच भी दिखाते हैं कि वर्तमान में महिलाओं की स्थिति में बदलाव आना ही चाहिए। वह सामाजिक चेतना से निष्ठापूर्वक जुड़ी हैं।

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