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-कैलाश विजयवर्गीय
भाजपा के राष्ट्रीय महामंत्री


8 नवंबर 2016

-मोदी सरकार कालाधन वापस लाने के लिए जो कारगर, सार्थक और सटीक कदम उठाएगी कांग्रेस पार्टी उस पर उनका बगैर किसी शर्त समर्थन करेगी। -कांग्रेस मीडिया प्रभारी रणदीप सुरजेवाला
-मोदी आधुनिक समय के तुगलक बन गए हैं। -मनीष तिवारी, कांग्रेस प्रवक्ता

11 नवंबर 2016
प्रधानमंत्री का 500 और 1000 के नोटों पर बैन लगाना एक अच्छा नीतिगत फैसला है। अमीर गद्दार होते हैं और वे देश को बेचने का काम करते हैं। सपा और बसपा प्रमुख को नोटबंदी के खिलाफ कोई एतराज नहीं जताना चाहिए। इस फैसले से ईमानदार व्यवस्था बन सकती है।           -राज बब्बर सांसद और उत्तरप्रदेश कांग्रेस के अध्यक्ष

11 नवंबर 2016
प्रधानमंत्री के फैसले से लोगों को बहुत परेशानी हो रही है। लाइन में लगे लोगों का दर्द न तो मीडिया को समझ आएगी और न ही करोड़पति मालिकों को समझ आएगी। न प्रधानमंत्री जी को समझ आएगी। मेरे लोगों को कष्ट हो रहा है, इसलिए मैं उनके साथ यहां लाइन में खड़ा हूं। -एटीएम में राहुल गांधी, कांग्रेस उपाध्यक्ष

23 नवंबर 2016
नोटबंदी को लेकर उठाए जाने वाले कदम के बारे में वित्त मंत्री को भी नहीं पता था। हम महसूस करते हैं कि नोटबंदी एक घोटाला है और हम एक संयुक्त संसदीय समिति से इसकी जांच कराने की मांग करते हैं। कई उद्योगपतियों और भाजपा के सदस्यों को नोटबंदी के निर्णय के बारे में काफी पहले से पता था। निर्णय लेने से पहले प्रधानमंत्री ने किसी से भी नहीं पूछा, यहां तक कि वित्त मंत्री और मुख्य आर्थिक सलाहकार से भी नहीं। लेकिन भाजपा के भीतर कई लोगों और उद्योगपतियों को जानकारी थी। निर्णय लेने से पहले बैंकों में बड़े पैमाने पर धनराशि जमा कराई गई।                                                                                                                                                                                     -राहुल गांधी, कांग्रेस उपाध्यक्ष

2 दिसंबर 2016
प्रधानमंत्री कालेधन के सबसे बड़े संरक्षक। नोटबंदी बुरी तरह विफल होने के बाद अब नियम-विरुद्ध तरीके से तथाकथित प्रधानमंत्री गरीब कल्याण योजना की आड़ में काला धन सफेद हो रहा है। मोदी ने पहले योजना चलाकर काले धन को सफेद किया और अब नोटबंदी औंधे मुंह गिरने के बाद पुन: काला धन रखने वालों की रकम सफेद कर रहे हैं। नोटबंदी का फैसला आठ नवंबर की रात में लिया गया,जबकि पश्चिम बंगाल में भाजपा ने आठ नवंबर को ही दिन में 500 व 1000 रुपए के एक करोड़ रुपए के नोट अपने एकाउंट में जमा करवाए।                   -कांग्रेस मीडिया प्रभारी रणदीप सुरजेवाला

काले धन पर हुए हमले के खिलाफ कांग्रेस, तृणमूल कांग्रेस, बहुजन समाज पार्टी समेत कई दलों के नेताओं ने बयान बहुत दिए हैं। कांग्रेस के उपाध्यक्ष राहुल गांधी, मीडिया प्रभारी रणदीप सुरजेवाला, फिल्मी कलाकार और उत्तरप्रदेश कांग्रेस के अध्यक्ष राज बब्बर के डायलॉग पढ़कर आप क्या सोच रहे हैं। यही न नेता ऐसे क्यों भ्रमित होकर बयानबाजी कर रहे हैं। राहुल गांधी भी काले धन के खिलाफ की गई कार्रवाई के चौथे दिन बैंक पहुंचकर आम जनता की परेशानी को लेकर राजनीति करते हैं, बयान देते और निकल लेते हैं। वहां पहले से ही मीडिया का जमावड़ा होता है। यानी पहले से ही तैयारी थी, बैंक जाने की।

कालेधन के खिलाफ प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के राष्ट्र के नाम संदेश को लेकर कांग्रेस के मीडिया प्रभारी सराहना करते हैं और फिर आलोचना करने लगते हैं। राहुल गांधी आरोप लगाते हैं कि वित्त मंत्री अरुण जेटली को नहीं पता था नोटबंदी के बारे में पर उद्योगपतियों को पता था। सुरजेवाल सराहना करने के बाद आलोचना ही करते रहे। राज बब्बर ने जोरदार डायलॉग मारा, प्रधानमंत्री की तारीफ की और फिर जब ऊपर से कहा गया तो  हीरो से विलेन हो गए। राज बब्बर ने इलाहाबाद ने बयान सही दिया था कि प्रधानमंत्री का हजार-पांच सौ का नोट बंद करने का कदम सही है, पर राहुल गांधी को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नाम से चिढ़ है। रणदीप सुरजेवाला और राज बब्बर तो प्रधानमंत्री की सराहना कर सकते हैं, पर राहुल गांधी का तो काम केवल विरोध करना है। वह भी हर अच्छे काम का विरोध करना।

सही बात तो यह है कि कांग्रेस के नेता काले धन के खिलाफ हुई सर्जिकल स्ट्राइक से बौखला गए हैं। टूजी, थ्रीजी, सीडब्लयूजी, कोलगेट और न जाने कितने घोटाले से हुई कमाई का क्या होगा। राहुल की तरह की तृणमूल कांग्रेस की नेता और पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी, दिल्ली के मुख्यमंत्री और आम आदमी पार्टी के बैचेन नेता अरविंद केजरीवाल, बहुजन समाज पार्टी की अध्यक्ष मायावती, वामदलों के नेता भी नोटबंदी से परेशान हो गए। बात आम आदमी की परेशानी की और दुख खुद का। बौखलाकर न जाने क्या क्या प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और भारतीय जनता पार्टी पर आरोप लगा रहे हैं। सुरजेवाला को राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के खिलाफ ही आरोप लगाने लगे और बोले कि 7 व 8 नवंबर को कुल 3 करोड़ रुपए भाजपा ने अपने खाते में जमा करवाए। बिहार में भी 1 अक्टूबर से 6 नवंबर के बीच भाजपा ने अलग-अलग जगहों पर कई जमीनें खरीदी हैं। इनमें से ज्यादातर भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष अमित शाह के नाम पर खरीदी गई हैं। ओड़िशा में भी नोटबंदी से ठीक पहले 18 जिलों में भाजपा ने संपत्तियां खरीदी हैं। इससे साबित होता है कि भाजपा को नोटबंदी के फैसले की जानकारी पहले से थी। कमाल की बात यह है कि इससे कई दिन पहले राहुल गांधी बोल चुके थे कि वित्त मंत्री अरुण जेटली को भी नहीं पता था नोटबंदी के बारे में। याद कीजिए समाजवादी पार्टी के नेता नरेश अग्रवाल का राज्यसभा में दिया गया बयान कि अगर वित्त मंत्री को नोटबंदी के बारे में पता होता तो मुझे भी पता चल जाता। सही बात तो यह है कि जेटली ने कभी नहीं कहा कि उन्हें कोई जानकारी नहीं थी। कांग्रेस और विपक्ष दलों के नेता मनगढंÞत बातें कह रहे हैं। राहुल की सुनो, ममता की सुनो, मायावती की सुनो, अरविंद केजरीवाल की सुनो और जो भी नोटबंदी के खिलाफ बोल रहे हैं सबकी सुनो। फिर सोचो कि इनकी परेशानी क्या है। ममता बनर्जी दिल्ली, लखनऊ और पटना में रैली करती हैं। भीड़ नहीं जुटती तो समाजवादी पार्टी और राष्ट्रीय जनता दल से मदद मांगती हैं। यह अलग बात है कि उत्तरप्रदेश के मुख्यमंत्री अखिलेश यादव और राजद नेता लालू यादव रैली में नहीं जाते। दिल्ली के परेशान मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल तो ममता बनर्जी के साथ रैली में प्रधानमंत्री पर तमाम आरोप लगाते रहे। हाल ही में कांग्रेस के मीडिया प्रभारी रणदीप सुरजेवाला ने कहा कि 8 नवंबर 2016 से पहले 22.5 करोड़ जन-धन खातों में से 76 फीसदी खातों में पांच रुपए से कम का बैलेंस था। रातोंरात जन-धन खातों में 75 हजार करोड़ रुपए जमा हो गए। साफ है कि कालेधन को सफेद करने के लिए इन खातों का उपयोग हो रहा है। कांग्रेस के नेता क्या कहते हैं और क्या करते हैं, इस पर गौर करने की बात नहीं है। गौर करने की बात है मोदीजी के भाषण पर। मुरादाबाद की सभा में  प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा है कि नोटबंदी के बाद गरीबों के जनधन खाते में अपना पैसा जमा करने वालों को बख्शा नहीं जाएगा। पैसा गरीब में खाते में जमा हुआ होगा, सरकार कोशिश करेगी कि वह गरीब का ही हो जाए। उन्होंने कहा कि जो पहले मनी-मनी करते थे, वे आज मोदी-मोदी कर रहे हैं। यह तो सच है कि देश में मोदी-मोदी हो रही है। मोदीजी के नोटबंदी के ऐलान के तुरंत बाद सुरजेवाला तो तारीफ करते हैं पर कांग्रेस प्रवक्ता मनीष तिवारी मोदी को तुगलक बताते हैं, शायद कांग्रेस के नेताओं को यह नहीं पता मोदी क्या है। मोदी को गुजरात के दंगों को लेकर जिस अमेरिका ने वीसा नहीं दिया था, आज उनका गुणगान कर रहा है। दरअसल मोदी के काले धन के खिलाफ कार्रवाई से ममता, माया, मुलायम, अरविंद और लालू क्यों परेशान हैं। यह सोचने की बात है।

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