23 Apr 2024, 23:19:39 के समाचार About us Android App Advertisement Contact us app facebook twitter android

-वीना नागपाल

दो दिन पहले एक और युवती ने कहा कि ट्रम्प ने उसके साथ अत्यंत अश्लील अशिष्ट व्यवहार किया। वह अमेरिका के एक टेलीविजन रियल्टी शो, द अप्रेन्टिस में वह प्रतिभागी थी। डोनाल्ड ट्रम्प इस शो के होस्ट थे। उसयुवती ने अपने साथ ट्रम्प द्वारा किए गए अशिष्टता का जो ब्योरा प्रस्तुत किया है वह गहरी वितृष्णा और जुगप्तसा जगाने वाला है। जानकारी के लिए बता दें कि डोनाल्ड ट्रम्प विश्व के सबसे चर्चित लोकतांत्रिक देश के सर्वोच्च पद अर्थात राष्ट्रपति पद के उम्मीदवार हैं। इसका संदर्भ हम पहले भी इस स्तम्भ में दे चुके हैं पर आज उन युवतियों और महिलाओं की बात हैं जिनमें यह युवती आठवीं हैं और जो अब सामने आकर यूं खुलकर अपने साथ हुई अशिष्टता की चर्चा कर रही हैं। प्रश्न यह है कि आज यह युवतियां इस बात को मीडिया और सबके सामने यूं प्रकट होकर कैसे बता रही हैं कि उनके साथ इतनी अशिष्टता हुई और उनके सम्मान को तार-तार किया गया? इतना समय वह चुप क्यों रही वहां तो ऐसा समाज मौजूद है जो युवतियों को समझाता है और बार-बार बताता है कि उनके साथ हुए किसी भी अप्रिय व्यवहार को कतई सहन नहीं करें और न ही इसकी अनदेखी करें बल्कि तुरंत इसके विरुद्ध पुलिस में तो शिकायत करें ही साथ ही सार्वजनिक मंच तक भी इसे पहुंचाएं। ऐसा तो माना जाता है और विश्वास भी किया जाता है कि वहां ऐसा कदम उठाने पर पुलिस और कानून दोनों ही उस युवती का पूरा साथ देते हैं और वहां समाज इस तरह के व्यवहार  को बर्दाश्त करने के स्थान पर उसके विरुद्ध आवाज उठाने वाली युवती की प्रशंसा करता है और उसका भरपूर साथ देता है। तब यह युवतियां इतने समय तक चुप क्यों रहीं?

क्या उन्होंने चुप रहने में कोई खरीद फरोख्त की? क्या उन्होंने अपनी बदनामी होने के डर से चुप रहना ही ठीक समझा? हमने जहां तक अमेरिकी समाज के विषय में जानकारी मिलती है तो वहां इसतरह की बदनामी से डरने, छिपने और इसके कारण चुपचाप गुमनामी में रहने का कोई जरूरत नहीं है। वह कोई भारतीय समाज नहीं है जो अपनी रुढ़ीवादी परंपराओं के कारण युवती से ही चुप रहने की अपेक्षा करें क्योंकि बदनामी हो जाएगी और इस कारण उसके परिवार को और उसे गुमनामी की सजा भुगतनी पड़ती है और वह भी उम्र भर। वहीं कहीं यह भी तो हो सकता है कि नवधनाढ्य व मानसिक रूप से दृष्ट प्रवृत्ति के और पैसे के बल पर सब कुछ खरीदने के गुमान से भरे ट्रम्प ने इस युवतियों को मुंह बंद रखने की भरपूर राशि दी हो। याद रखें। वह उस पूंजीवाद समाज में है जहां पूंजी की ही भाषा ही सब कोई समझाता है। एकसंदेह और सिर उठा रहा है। जब ट्रम्प राष्ट्रपति पद के उम्मीदवार बने तभी यह सब युवतियां सामने आकरयूं मीडिया के सामने खुलकर अपने व्यक्तत्व देने लगीं और अपने साथ हुई अशिष्टता का बेबाकी से वर्णन करनेलगीं। क्या इसके लिए भी उन्हें जबरस्त राशि मिली? विपक्षी दल से या मीडिया से? वहां पूंजी सब कुछ करवा सकती हैं। बात यहां आकर खत्म होती है कि इन युवतियों के द्वारा इतने समय तक चुप रहना गलत था। वह क्या बताना चाहती हैं और इससे क्या संदेश जाता है कि युवतियों को अपने साथ हुई अश्लील अशिष्टता पर मुंह नहीं खोलना चाहिए और वह इसकी अनदेखी कर दें। आज राष्ट्रपति पद के उम्मीदवार बनने पर ट्रम्प के दुर्व्यवहार की अति करने की बातें सामने आ रही हैं नहीं तो यह सब तो एक कोने में दबा घुटा पड़ा था। युवतियों ने तो इसके बारे में एक शब्द भी कभी नहीं कहा। ट्रम्प के बहाने अमेरिकी पुरुष का चेहरा और मानसिकता भी सामने आए हैं। वहां पुरुष खुलेपन के नाम पर क्या-क्या करता होगा। आज हम भारतीय महिलाएं अमेरिकी महिलाओं को चुनौती देती हैं, उनका आव्हान करती हैं कि अपने साथ किए जाने वाली अशिष्टता के विरुद्ध तभी आवाज उठाएं और खुलकर सामने आएं। पूंजीवाद का मतलब पूंजी के आगे घुटने टेकना नहीं हैं।

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