24 Apr 2024, 11:25:03 के समाचार About us Android App Advertisement Contact us app facebook twitter android

-अश्विनी कुमार
पंजाब केसरी दिल्ली के संपादक


यह तो सारी दुनिया जानती है कि भारत द्वारा मोस्ट वांटेड अपराधी दाऊद इब्राहिम और उसका परिवार पाकिस्तान में ठिकाने बदल-बदल कर रहता है, उसके धंधे का जाल खाड़ी देशों तक फैला हुआ है। भारत लगातार पूरी दुनिया को बताता है कि दाऊद पाक में है लेकिन पाकिस्तान हमेशा इस बात से इंकार करता रहा है। भारत ने 42 मोस्ट वांटेड अपराधियों की सूची अटल बिहारी वाजपेयी शासन के दौरान पाकिस्तान को सौंपी थी, लेकिन उसने एक नहीं सुनी। दाऊद इब्राहिम 12 मार्च, 1993 में मुंबई में हुए सीरियल बम धमाकों का मास्टर माइंड है। इन धमाकों के बाद वह पाकिस्तान भाग गया था। इन धमाकों में 257 लोग मारे गए थे और 717 घायल हुए थे। कोई वक्त था दाऊद का बालीवुड फिल्म उद्योग पर साम्राज्य कायम था। डी कंपनी के नाम से मशहूर उसका नेटवर्क काफी विस्तार पा चुका था।

बड़े-बड़े निर्माता-निर्देशक उसके इशारे पर काम करते थे और बड़े-बड़े फिल्मी सितारे और अभिनेत्रियां उसकी पार्टियों में गानों पर थिरकते थे। वह फिल्मों में कालाधन लगाता था और फिर फिल्मों से कमाई करता था। उसका ड्रग्स का धंधा भी जोरों पर था और क्रिकेट पर लगने वाले सट्टे का वह किंग था। वह पाकिस्तान में रहकर भारत में आतंकवादी गतिविधियों के लिए आतंकवादी गुटों को धन देता रहा है। पाक की सुरक्षा एजेंसियां उसकी हिफाजत में लगी रहती हैं। पाकिस्तान का चाहे अजहर मसूद हो या हाफिज सईद, जकी उर्र रहमान लखवी हो या कोई और सरगना, खुलेआम भारत के खिलाफ जहर उगलते हैं और भारत में हिंसक गतिविधियों के लिए साजिशों को अंजाम देते हैं।

पाक ने हमेशा भारत के दुश्मनों को पनाह दी है। अब संयुक्त राष्ट्र समिति ने पाया कि भारत ने पाकिस्तान में दाऊद इब्राहिम के जो नौ पते बताए थे, उनमें से छह पते सही हैं। संयुक्त राष्ट्र ने भारत के दावों पर मुहर लगा दी है। दाऊद के पतों का डोजियर पिछले साल अगस्त में तैयार किया गया था। यह डोजियर पाक के राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार सरताज अजीज और भारत के राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार अजित डोभाल के बीच वार्ता के दौरान सौंपा जाना था। बाद में वार्ता रद्द हो गई थी। संयुक्त राष्ट्र की समिति ने यह भी पाया कि दाऊद को दुबई, कराची और रावलपिंडी में चार पासपोर्ट जारी किए गए और इन पासपोर्टों का गलत इस्तेमाल हुआ।

भारत पाक को देता रहा सबूत दर सबूत
लेकिन वो हमें देता रहा ताबूत दर ताबूत...

संयुक्त राष्ट्र की ओर से आतंकी घोषित किए गए दाऊद की संपत्ति कुर्क है। उसकी यात्राओं पर भी प्रतिबंध लगाया हुआ है, लेकिन पाकिस्तान उसकी यथासंभव मदद कर दुनिया की आंखों में धूल झोंकता आ रहा है। जिस मुल्क ने लादेन को छिपाए रखा और आतंकवाद के खिलाफ युद्ध में दोस्त बनकर अमेरिकी डालर हासिल करता रहा, उससे कोई उम्मीद कैसे की जा सकती है। सवाल यह है कि संयुक्त राष्ट्र द्वारा दाऊद के पतों की पुष्टि के बाद क्या होगा? क्या पाक मान जाएगा कि दाऊद उसके यहां है? क्या वह उसे भारत को सौंपने को राजी हो जाएगा?

यह सही है कि रॉ, आईबी, सीबीआई और मुंबई की पुलिस और एनआईए जैसी सुरक्षा एजेंसियों ने पिछले कुछ वर्षों से दाऊद की गैर कानूनी गतिविधियों को रोकने के लिए लगातार काम किया है। दाऊद के गिरोह के लिए काम करने वाले लोगों और उनके रिश्तेदारों की यात्राओं का ब्यौरा हासिल किया है। ये सारी यात्राएं पाक सरकार की मदद से की गईं। दाऊद का नाम संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद की प्रतिबंध की सूची में कई कुख्यात आतंकवादियों के साथ शुमार है। पाकिस्तान का पूरी दुनिया के सामने नंगा होना कोई नई बात नहीं। टीवी चैनल पाक में दाऊद के ठिकाने अनेक बार दिखा चुके हैं।

अब सवाल यह है कि क्या संयुक्त राष्ट्र पाकिस्तान के विरुद्ध कोई ठोस कार्रवाई करेगा या नहीं। पिछले 23 वर्षों से भारत ने उनके नेटवर्क को खंगालने में दिन-रात एक कर रखा है। अमेरिका ने तो लादेन को पाक में घुसकर मार डाला था और उसका शव समुद्र में बहा दिया था, क्या ऐसा स्वाभिमान भारत में है यह बहुत बड़ा सवाल है। साहस किसी से भीख में नहीं मिलता।

भारत ने संयुक्त राष्ट्र से मांग की है कि पाक के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की जाए। अब समय आ गया है कि संयुक्त राष्ट्र पाक को आतंकवादी राष्ट्र घोषित करे और उसके खिलाफ वैश्विक प्रतिबंध लगाया जाए। अमेरिका और अन्य देशों को खुद इसकी पहल करनी चाहिए। भारत को भी अब सक्रिय होकर काम करना होगा। प्रवर्तन निदेशालय छह देशों को पहले ही कानूनी चिट्ठी भेज चुका है, जिसमें दाऊद की संपत्तियों का ब्यौरा है। पत्र में मांग की गई है कि उसकी तमाम नामी-बेनामी संपत्तियों को सीज किया जाए। दाऊद की ब्रिटेन, तुर्की, दुबई, आस्ट्रेलिया आदि छह देशों में बेशुमार प्रापर्टी है। यदि उसकी संपत्तियां सील कर दी जाएं तो उसकी कमर टूट जाएगी। भारत को इन देशों से मदद मांगनी चाहिए। 23 वर्ष पहले भारत को खून के आंसू रुलाने वाले दाऊद की बर्बादी का प्रबंध तो किया ही जाना चाहिए।

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