नई दिल्ली। दिवाली के दिन हमारे घरों में भगवान गणेश और लक्ष्मी की पूजा की जाती है। लेकिन क्या आप जानते हैं कि आखिर ऐसा क्यों होता है। आखिर लक्ष्मी के साथ विष्णु की पूजा न होकर गणेश भगवान की पूजा क्यों होती है?
हिंदु धर्म की परंपराओं के मुताबिक, ऋद्धि-सिद्धि के अधिपति गणपति और धन-संपत्ति की अधिष्ठात्री देवी मां लक्ष्मी हैं। इनकी अनुकंपा प्राप्त हो जाने पर संसार का सारा धान्य-सुख मिल जाता है। ऐसा माना जाता है कि ये किसी भक्त या एक स्थान पर अधिक समय तक नहीं टिकती हैं। इसलिए हर गृहस्थ दिवाली के दिन इनकी स्थापना ऐसे मुहूर्त में करना चाहता है, जिसकी वजह से भगवती लक्ष्मी उनके यहां स्थिर होकर रहें।
मान्यता है कि माता लक्ष्मी उसी के पास टिकती हैं, जिसके पास बुद्धि होती है, वही लक्ष्मी अर्थात धन का संचय कर सकता है और गणपति बुद्धि के स्वामी हैं। यही वजह है कि लक्ष्मी एवं गणपति की एक साथ पूजा का विधान है जिससे धन और बुद्धि एक साथ मिले।