कोलकाता। गुरूदेव रवींद्रनाथ टैगोर के चाहने वालों के लिए एक अच्छी खबर है। सोसाइटी फॉर नेचुरल लैंग्वेज टेक्नोलॉजी रिसर्च की बदौलत उनका तकरीबन पूरा काम अब एंड्रायड मोबाइल ऑपरेटिंग सिस्टम के यूजरों के लिए उपलब्ध होगा।
सोसाइटी फॉर नेचुरल लैंग्वेज टेक्नोलॉजी रिसर्च (एसएनएलटीआर) ने नौ मई को कविवर की 155वीं जयंती के मौके पर एंड्रायड यूजर्स के लिए एप पर सेवाओं की शुरूआत की है । पश्चिम बंगाल सरकार के सूचना और प्रौद्योगिकी विभाग के तहत 2007 में सोसाइटी का गठन हुआ था। एप यूजरों को संबंधित बेबसाइट पर एसएनएलटीआर से जोड़ेगा जिस पर टैगोर का पूरा साहित्यिक काम उपलब्ध है।
एसएनएलटीआर के एक अधिकारी ने कहा, इससे टैगोर के बारे में लोगों को और ज्यादा पढ़ने को मिलेगा। हमें उम्मीद है कि इस एप से युवा पीढ़ी को कवि गुरू और उनके काम के बारे में जानने का मौका मिलेगा। उन्होंने कहा कि इसमें आईआईटी के एक प्रोफेसर और भारतीय सांख्यिकी संस्थान (आईएसआई) के विशेषज्ञों की टीम को एप विकसित करने में तीन साल का वक्त लगा।