नई दिल्ली। नोटबंदी के बाद से डिजिटल और कैशलेस लेनदेन काफी हद तक बढ़ गया है, इसी के साथ हैकर्स भी सक्रिय हो गए हैं। जानिए हैकर्स किन तरीकों से आपकी जेब को चूना लगा सकते हैं।
फिशिंग
आजकल हैकर्स फिशिंग का खूब इस्तेमाल कर रहे हैं। फिशिंग में आपको एक स्पैम मेल भेजी जाती है और यूजर को लगता है कि वह मेल असली सोर्स से आई है। इसके जरिए यूजर की जानकारी चुरा ली जाती है।
विशिंग
फिशिंग की ही तरह विशिंग भी आजकल खूब बढ़ रही है इसमें फोन या एसएमएस कॉल के जरिए बातों में फंसाया जाता है। इसके बाद आपसे खाते की जानकारी लेकर आपको चूना लगाया जाता है।
हर साइबर हमले से उपभोक्ता को 33 हजार रुपए का नुकसान
सुरक्षा साफ्टवेयर फर्म केसपरस्की लैब के एक अध्ययन के अनुसार साइबर हमलों में इंटरनेट उपयोक्ताओं को औसतन 476 डॉलर या लगभग 33 हजार रुपए का नुकसान होता है। इस अध्ययन के अनुसार साइबर हमलों की चपेट में आने वाले आधे से अधिक (52 प्रतिशत) उपभोक्ताओं को अपने चोरी गया धन या तो बिलकुल ही वापस नहीं मिलता या थोडा बहुत वापस आता है। अध्ययन में कहा गया है कि साइबर अपराधों से होने वाले नुकसान अरबों डालर सालाना हो गया है। इन अपराधों में आनलाइन धोखाधडी, आइडेंटी चोरी व हैकिंग शामिल है। इसके अनुसार ऐसे अनेक मामलों की रिपोर्ट नहीं होती इसलिए वास्तविक आर्थिक नुकसान काफी अधिक होने का अनुमान है। अध्ययन से यह सामने आता है कि यह हमले इंटरनेट उपयोक्ताओं के लिए कितने महंगे साबित होते हैं और वे किस तरह से साइबर अपराधियों का निशान बन रहे हैं।
अनसेफ एप्स
तीसरा सबसे बड़ा तरीका है नकली एप्स। पिछले दिनों तो देखा भी गया कि सरकार के बनाए एप्स के भी नकली वर्जन आ गए और कई लोग ठगे गए। ऐसे में जरूरी है कि आॅथेंटिक सोर्स से ही एप डाउनलोड करें।
मैलवेयर
मैलवेयर वो तरीका है जिसके जरिए हैकर्स सेंध लगाने का काम करते हैं। यह मैलवेयर एटीएम और बैंक के सर्वर्स में सेंध लगा कर जानकारी चुरा लेता है।
कीस्ट्रोक लॉगिंग
यह तरीका थोड़ा एडवांस हैं, इसमें हैकर्स कुछ तरीकों से उलझाकर आपके कम्प्यूटर में ऐसा सॉफ्टवेयर डाल देते हैं जो कि आपकी सारी जानकारियां चुरा लेता है।