मुंबई। मोबाइल फोन का इस्तेमाल आज हर कोई करता है। घर में जितने लोग उतने फोन भी होते हैं, और कई घरों में तो इनसान से ज्यादा फोन होते हैं। फोन का इस्तेमाल हम करते हैं ताकि अपने खास लोगों से जुड़े रहे हैं। आज के स्मार्टफोन तो एक पॉकेट कम्प्यूटर की तरह हो गए हैं जो मिनटों में आपके कई काम निपटा सकता है।
मोबाइल फोन से होती हैं ये समस्याएं, कुछ का है बेहद बुरा असर एक ओर जहां फोन हमारे कई काम आता है, वहीं यही फोन हमारे लिए कई बिमारियों को भी न्योता देता है। अपने बड़ों से आपने कई बार सुना होगा कि हर वक़्त फोन पर लगे रहना ठीक नहीं! लेकिन क्या फर्क पड़ता है। तो हम आपको बता दें कि बहुत फर्क पड़ता है। यदि समय रहते अपनी आदतें न बदलें तो गले पड़ सकती है मुसीबत। आपके सिम कार्ड में है सोना, देखिए कैसे निकाल सकते हैं आप आज हम इस आर्टिकल में आपको बता रहे हैं कि एक मोबाइल फोन कैसे आपके स्वास्थ्य पर बुरा असर डालता है।
नोमोफोबिया
मोबाइल फोन खो जाने की या फिर सिग्नल नहीं होने के डर को नोमोफोबिया कहते हैं। स्मार्टफोन खोने का अनुभव सभी को होता है, कभी कुछ कम समय के लिए ही सही। बिना फोन के आज हर यूजर अधुरा और घबराया हुआ महसूस करता है। मोबाइल की रेडिएशन से इनसान को इनसोमनिया, सर दर्द और कंफ्यूज होने की परेशानियां हो सकती हैं। स्मार्टफोन का इस्तेमाल करने वाले सभी यूजर्स इस बात से इनकार नहीं कर सकते हैं कि स्मार्टफोन उनकी नींद पर बुरा असर डालता है। सुबह उठने के बाद और रात में सोने से पहले मोबाइल फोन ही है जिसे हम सबसे पहले चेक करते हैं।
बैक्टीरिया का सोर्स
एक रिसर्च में सामने आया है कि स्मार्टफोन में टॉयलेट सीट से लगभग 10 गुना अधिक बैक्टीरिया होते हैं। जरा सोचिए आप खाते हुए फोन कितनी बार छेड़ते हैं, और कितने बैक्टीरिया पालते हैं! आंखों पर ब्लू लाइट का सीधा पड़ना, रेटिना को डैमेज कर सकता है। हमारे मोबाइल फोन स्क्रीन से ब्लू लाइट आती है। इसके अलावा कई लोगों की आदत होती है, कि वह अँधेरे में भी स्मार्टफोन का इस्तेमाल करते हैं, जो आपकी आँखों पर बुरा असर डालते हैं।
सोशल इफेक्ट
मोबाइल का आविष्कार हुआ था लोगों को आपस में जोड़ने के लिए, जिससे आसानी से लोग कनेक्ट हो सकें। लेकिन आज के समय में फोन ने इनसान को आइसोलेटे कर दिया है। सोशल मीडिया के आ जाने के बाद से लोग बाहर निकलकर कर आपस में मिलने से ज्यादा सोशल मीडिया पर चैट करने में व्यस्त होते हैं।