नई दिल्ली। मोबाइल हैंडसेट विनिर्माता माइक्रोमैक्स ने कंपनी के संस्थापक निवेशकों के कंपनी से निकलने की संभावना से इनकार किया है। उसने कहा है कि वह नयी पूंजी जुटा कर अपना सामरिक कोष मजबूत करना चाहती है तकि चुनिंदा अधिग्रहण करने में आसानी हो।
खबरों में कहा गया है कि दिल्ली की यह कंपनी विदेशी निवेशकों से एक अरब डालर की पूंजी जुटाने का विचार कर रही है। इनमें जापान की साफ्टबैंक और अलीबाबा समूह की वित्तीय सेवा कंपनी एंट फाइनेंशियल जैसी कंपनियां हो सकती हैं।
कंपनी ने धन जुटाने की योजना की बात को सही कहा है पर उसने समय और धन राशि के बारे में कुछ नहीं कहा है। कंपनी के सह संस्थापक विकास जैन ने कहा, ‘कोई भी कंपनी से नहीं निकल रहा है।
हम यही काम करते हैं..संस्थापकों के निकलने का सवाल ही नहीं है। जब आप सीएक्सओ टी (व्यवसायिक कार्यों और यूनिटों के प्रमुखों) को लाते हैं तो इस प्रकार की अटकलें लगायी जाने लगती हैं।’
उन्होंने कहा कि 80 प्रतिशत कंपनी में चार संस्थापकों (विकास जैन, राहुल शर्मा, रजेश अग्रवाल और सुमित कुमार) के हिस्से हैं। बाकी 20 प्रतिशत टीए एसोसिएट्स, सिकोया कैपिटल, सैंडस्टोन कैपिटल और मैडिसन इंडिया कैपिटल के पास है।