कई स्मार्टफोन में क्विक चार्जर आजकल आम बात है। जब भी आप स्मार्टफोन को बिलजी के चार्जर से कनेक्ट करते है तो वो जल्दी चार्ज होता है। लेकिन लैपटॉप या कम्प्यूटर के यूएसबी पोर्ट से कनेक्ट करने से चार्ज होने में उसे ज्यादा समय लगता है। हर स्मार्टफोन में पावर मैनेजमेंट सर्किट बोर्ड होता है। ये तय करता है कि किसी भी समय बैटरी कितनी वॉट बिजली ले सकती है। जिन स्मार्टफोन में क्विक चार्ज नहीं है उनमें ये 10 वॉट तक सीमित ह। क्विक चार्ज की खूबी है कि वो इस सीमा को बढ़ा देता है।
क्विक चार्ज के लिए तीन चीजें होना जरूरी है- स्मार्टफोन या टैबलेट में क्विक चार्ज का सिस्टम, एडाप्टर जो ऊंचे वोल्टेज का है और बढ़िया यूएसबी वाला तार। अगर स्मार्टफोन को क्विक चार्ज के लिए नहीं बनाया गया है तो उसे जल्दी नहीं चार्ज किया जा सकता है। जल्दी चार्ज करने से स्मार्टफोन गर्म भी हो जाता है, इसलिए ऐसे सभी डिवाइस में एक सेंसर लगा होता है। चार्जिंग के समय अगर ये डिवाइस ज्यादा गर्म हो जाते हैं तो क्विक चार्ज थोड़े समय के लिए बंद हो जाता है। स्मार्टफोन की बैटरी अगर खत्म हो रही है तो क्विक चार्ज बहुत बढ़िया काम करेगा। यूएसबी चार्जर आजकल सभी स्मार्टफोन में काम करते हैं इसलिए ये चिंता करने की जरुरत नहीं है कि कौन सा चार्जर इस्तेमाल किया जा रहा है।