नई दिल्ली। वेदांता समूह के चेयरमैन अनिल अग्रवाल द्वारा स्थापित पहला एलसीडी स्क्रीन संयंत्र 2018 में शुरू होगा। इसकी स्थापना 10 अरब डालर या 68,000 करोड़ रुपये के निवेश से हुई।
अग्रवाल ने एक साक्षात्कार में भाषा से कहा, ‘‘पैनल फैब का उत्पादन 2018 से शुरू होने के उम्मीद और पूर्ण उत्पादन अगले 10 साल में शुरू होगा जो बाह्य माहौल पर निर्भर करेगा।’’ यह भारत में इलेक्ट्रानिक्स संयंत्र में किया गया सबसे बड़ा निवेश है।
प्रस्तावित संयंत्र का परिचालन ट्विनस्टार डिस्प्ले टेक्नोलाजीज करेगी और यह वेदांता समूह की कंपनियों के किसी मौजूदा कारोबार के दायरे में नहीं आएगा।
उन्होंने कहा, ‘‘प्रस्तावित एलसीडी विनिर्माण इकाई भारत की अपने किस्म की पहली इकाई है जिसका परिचालन ट्विनस्टार डिस्प्ले प्रौद्योगिकियों के जरिए होता है जिसमें अन्य निवेशों में वेदांता रिसोर्सेज और स्टरलाइट टेक्नोलाजीज शामिल हैं।’’ अग्रवाल की अपने परिवार के साथ वॉल्कन इन्वेस्टमेंट्स लिमिटेड में बहुलांश हिस्सेदारी है।
उन्होंने कहा, ‘‘हम पैनल फैब की स्थापना के साथ भारत को निर्यात के उल्लेखनीय केंद्र के रूप में स्थापित करने की कोशिश करेंगे।’’ फिलहाल मोबाइल फोन, टीवी स्क्रीन, कंप्यूटर में उपयोग किए जाने वाले सभी एलसीडी डिस्प्ले का आयात किया जाता है।
अग्रवाल ने कहा, ‘‘भारत टीवी, स्मार्टफोन, टैबलेट, डेस्कटॉप, लैपटाप जैसे एलसीडी पैनल आधारित उत्पादों के लिए भारत सबसे तेजी से बढ़ते बाजारों में से एक है। 2020 तक भारत के एलसीडी पैनल का आयात बिल 10 अरब डालर हो जाने की उम्मीद है। पैनल फैब न सिर्फ इसमें उल्लेखनीय रूप से कटौती करेगा बल्कि निर्यात के जरिए विदेशी मुद्रा भी अर्जित करेगा।’’
उन्होंने जुलाई 2015 में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा उद्घाटित पहले डिजिटल इंडिया सप्ताह के दौरान एलसीडी संयंत्र की स्थापना के प्रति प्रतिबद्धता जताई थी।