सैन होजे। फेसबुक के संस्थापक मार्क जुकरबर्ग ने कहा कि वह भारत को ज्ञान का मंदिर मानते हैं जहां से उन्होंने फेसबुक को फिर से संगठित करने की प्रेरणा ली जब 10 साल पहले कंपनी कठिन दौर से गुजर रही थी और बिकने की कगार पर पहुंच गई थी। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के साथ फेसबुक मुख्यालय में कल बातचीत की मेजबानी करते हुए जुकरबर्ग ने कहा, निजी तौर पर भारत को लेकर मैं कई वजहों से उत्साहित हूं। उन्होंने 10 साल पहले के अपने एक महीने लंबे भारत दौरे के जिक्र करते हुए कहा, फेसबुक के इतिहास में भारत बहुत महत्वपूर्ण है।
जुकरबर्ग ने कहा कि फेसबुक कठिन दौरे से गुजर रहा था और बिकने के कगार पर पहुंच गया था तब उनके ‘गुरू’ और एप्पल के पूर्व सीईओ स्टीव जॉब्स ने कहा कि ‘मैं भारत में एक मंदिर का दौरा करूं।’ उन्होंने कहा, इसलिए मैंने करीब एक महीने के लिए भारत का दौरा किया। उनके मुताबिक, भारत की यात्रा के बाद उनके भीतर फेसबुक को अरबों की कंपनी के रूप में तब्दील करने का भरोसा फिर से पैदा हुआ।
उन्होंने कहा, विचार यह है कि कुछ करने से पहले आपको मंदिर जाना चाहिए। जुकरबर्ग ने कहा, भारत में बहुत आशावाद है। आप भारत पहुंचते हैं, आशा लिए मंदिर में जाते हैं। और देखिए कि आप कहां पहुंच जाते हैं। आपका अनुभव आशा बनता है। भारत के बारे में कुछ तो विशेष है। फेसबुक के प्रमुख ने कहा कि वह इस बारे में जानने के इच्छुक थे कि मोदी ने लोगों से सीधे जुड़ने के लिए कैसे सोशल मीडिया का इस्तेमाल किया। उन्होंने यह भी कहा कि भारत में अब भी एक अरब लोग इंटरनेट से दूर हैं। मोदी ने कहा, मैं आशा करता हूं कि आप दुनिया भर में एक अरब लोगों की आवाज बनेंगे।