नई दिल्ली। मोबाइल की कॉल रेट 12 से 15 प्रतिशत तक महंगी हो सकती है। इसकी वजह स्पेक्ट्रम नीलामी में कंपनियों ने ज्यादा पैसे खर्च करने पड़े हैं और यह कीमत कंपनियां ग्राहकों से ही वसूलेंगी। जानकारों के मुताबिक कॉल रेट महंगे होने से आपकी मोबाइल दरें 1.3 पैसा प्रति मिनट तक जा सकती हैं। कॉल रेट्स में 6 से 7 पैसे प्रति मिनट की बढ़ोत्तरी होने की संभावना है।
गौरतलब है कि खुल्लर की यह प्रतिक्रिया 2जी और थ्री जी स्पेक्ट्रम नीलामी खत्म होने के दो हफ्ते बाद आई है। इस नीलामी प्रक्रिया में 1.1 लाख करोड़ गई।
खुल्लर ने कहा, 'हमने इसकी भविष्यवाणी पहले ही कर दी थी। हमने कहा था कि 900 मेगाहर्ट्ज बैंड में स्पेक्ट्रम के लिए कंपनियों के बीच मारामारी होगी।' हालिया ऑक्शन में भारती एयरटेल, आइडिया सेल्युलर, वोडाफोन इंडिया और रिलायंस कम्यूनिकेशंस को कुछ सर्किल में 900 मेगाहर्ट्ज बैंड में अपने एयरवेव्स बायबैक करने के लिए मजबूर होना पड़ा।
लेकिन अच्छी बात यह है कि बढ़ी हुई कॉल रेट जल्दी ही ग्रहकों को प्रभावित नहीं करेंगी क्योंकि इनके लागू होने की संभावना अब से कुछ साल बाद की है। फिलहाल वॉइस और डेटासर्विस की दर 48 पैसा प्रति मिनट की है।
एयरटेल, वोडाफोन, आइडिया पर सबसे ज्यादा स्पेक्ट्रम खरीदने का दबाव था। ऐसा इसलिए था कि उन्हें 1995 में मिले विभन्न सर्किल में मिला लाइसेंस नवंबर 2015 में खत्म हो रहा था। ऐसे में कंपनियों के ऊपर दबाव था, कि वह पुराने लाइसेंस को दोबारा खरीदें नहीं तो उनके मौजूदा ग्राहकों की सेवाएं प्रभावित होंगी। इसकी वजह से 19 दिनों तक चली नीलामी में 2जी स्पेक्ट्रम के लिए कंपनियों ने ऊंची बोली लगाई है।